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40 की उम्र में बिना शादी मां बन रहीं कन्नड़ एक्ट्रेस भावना रमन्ना, जुड़वां बच्चों को लेकर किया बड़ा खुलासा
IVF के जरिए मातृत्व का सफर तय कर रहीं भावना रमन्ना ने कहा – “मैं पुरुषों से नफरत नहीं करती, लेकिन अपने तरीके से जीने का हक़ रखती हूं”

सिनेमा की दुनिया में जब भी कोई अभिनेत्री सामाजिक रूढ़ियों को चुनौती देती है, वह खुद एक प्रेरणा बन जाती है। ऐसी ही एक मिसाल पेश की है जानी-मानी कन्नड़ एक्ट्रेस और क्लासिकल डांसर भावना रमन्ना ने। उन्होंने 40 साल की उम्र में बिना शादी के मां बनने का साहसिक निर्णय लिया है।
‘चंद्रमुखी प्रणसखी’, ‘राष्ट्र गीत’, ‘रॉन्ग नंबर’ जैसी चर्चित फिल्मों से पहचान बना चुकी भावना ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि वह छह महीने की गर्भवती हैं और IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) तकनीक के माध्यम से जुड़वां बच्चों को जन्म देने जा रही हैं। 4 जुलाई को उन्होंने अपना बेबी बंप फ्लॉन्ट करते हुए एक खूबसूरत तस्वीर भी सोशल मीडिया पर साझा की, जिसने इंटरनेट पर हलचल मचा दी।
डॉक्टरों ने काट दिए थे कॉल
नी मुदिदा मल्लिगे और शांति जैसी फिल्मों से अभिनय के शिखर पर पहुंचने वाली यह अभिनेत्री बताती हैं कि यह सफर आसान नहीं था। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि कई IVF क्लीनिक ने उन्हें केवल इसलिए मना कर दिया क्योंकि वह अविवाहित थीं। “कई डॉक्टरों ने मेरा कॉल तक काट दिया जब उन्हें पता चला कि मैं शादीशुदा नहीं हूं,” भावना ने बताया।
कानून बदलने के बाद बदली दिशा
भले ही भारतीय समाज में अब भी एकल मातृत्व को हिचकियों से देखा जाता है, लेकिन भावना का कहना है कि जब कानून ने अविवाहित महिलाओं को भी मातृत्व का अधिकार देना शुरू किया, तभी उन्होंने यह फैसला लिया। उन्होंने कहा, “शादी मेरे रास्ते में कभी नहीं आई, इसलिए मुझे वैकल्पिक रास्तों के बारे में सोचना पड़ा।”
बच्चों को क्या सिखाएंगी?
भावना इस नए अध्याय के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले से ही उन सवालों के लिए खुद को तैयार किया है जो भविष्य में उनके बच्चों से पूछे जा सकते हैं। “मैं पुरुषों से नफरत नहीं करती, और ये भी नहीं कहती कि बिना पुरुष के जीवन बिताना आदर्श है। मैं बस अपने सच के साथ खड़ी हूं और यही अपने बच्चों को सिखाऊंगी — कि जीवन प्रेम, संगति और आत्म-सम्मान के बारे में है।”
अभिनय की शुरुआत 1996 में
भावना रमन्ना ने अपने करियर की शुरुआत 1996 में फिल्म मारिबेल से की थी। इसके बाद उन्होंने भागीरथी, ओट्टा, भगवान, फैमिली और कई अन्य फिल्में कीं, जिनमें उन्होंने अपने अभिनय से दर्शकों का दिल जीता।
उनका यह फैसला समाज के उस तबके को नया साहस और प्रेरणा दे सकता है जो अब भी सामाजिक रीतियों के डर से अपनी खुशियों को रोककर रखता है।