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जसप्रीत बुमराह को आराम देना पड़ा भारी? रवि शास्त्री का टीम मैनेजमेंट पर सीधा वार

इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट हारने के बाद उठे सवाल—क्या भारत ने अपनी सबसे बड़ी ताकत को बेंच पर बैठाकर गलती कर दी?

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जसप्रीत बुमराह को आराम देना पड़ा भारी? रवि शास्त्री ने टीम इंडिया की रणनीति पर उठाए सवाल
टीम इंडिया को जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में भारी पड़ा दूसरा टेस्ट, विशेषज्ञों ने चयन नीति पर उठाए सवाल।

भारतीय क्रिकेट फैंस और विशेषज्ञों में हलचल मच गई है, और वजह है तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह को इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में आराम देना। टीम इंडिया के इस फैसले पर पूर्व कोच रवि शास्त्री ने तीखा हमला बोला है, जिसे कई लोग ‘चौंकाने वाला’ और ‘असमझनीय’ मान रहे हैं।

दिग्गज ऑलराउंडर और पूर्व हेड कोच ने इंग्लैंड में स्काई स्पोर्ट्स पर कमेंट्री के दौरान कहा, “आपने पहला टेस्ट गंवाया है और वापसी करना चाहते हैं। आपके पास दुनिया का सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाज है, और आप उसे आराम दे देते हैं? ये समझ से परे है।”


द यॉर्कर किंग के नाम से मशहूर बुमराह ने पहले टेस्ट की पहली पारी में 5 विकेट लेकर इंग्लिश बल्लेबाज़ों की कमर तोड़ दी थी। ऐसे में जब टीम के उप-कप्तान शुभमन गिल ने टॉस के समय यह घोषणा की कि बुमराह को ‘वर्कलोड मैनेजमेंट’ के तहत आराम दिया गया है, तो क्रिकेट जगत में यह निर्णय भारी विवाद का कारण बन गया।

गिल ने कहा, “तीसरा टेस्ट लॉर्ड्स में है और हमें लगता है कि वहां की पिच तेज गेंदबाजों को ज्यादा मदद देगी, इसलिए हमने बुमराह को वहां के लिए बचा रखा है।”

हालांकि यह रणनीति क्रिकेट एक्सपर्ट्स को रास नहीं आई। सनी जी यानी सुनील गावस्कर ने भी इस चयन नीति पर सवाल उठाया, खासकर स्पिन विकल्पों को लेकर। उनका कहना था, “मुझे समझ नहीं आया कि कुलदीप यादव को क्यों नहीं चुना गया, जबकि यह विकेट स्पिनरों को मदद कर रहा था।”

गौरतलब है कि इस मुकाबले में टीम इंडिया ने वॉशिंगटन सुंदर को चुना, ताकि बल्लेबाजी मजबूत की जा सके। लेकिन सुंदर का चयन कुलदीप यादव के मुकाबले ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहा।

टीम इंडिया का यह फैसला इसलिए और अधिक सवालों के घेरे में आ गया है क्योंकि पिछले एक साल में टीम ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ कई अहम टेस्ट मुकाबले गंवाए हैं। ऐसे में जब सीरीज़ का रुख बदलना था, तब अपने सबसे घातक हथियार को किनारे रखना कई लोगों को ‘खुद की हार बुलाने’ जैसा लगा।

अब सभी की निगाहें लॉर्ड्स टेस्ट पर टिकी हैं—क्या बुमराह की वापसी भारत की जीत की चाबी बनेगी, या यह आराम नीति एक और हार में बदल जाएगी?

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