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हेमंत खंडेलवाल बने MP BJP के नए अध्यक्ष: पिता की विरासत से पार्टी की कमान तक का सफर
बेतूल के नेता और पूर्व सांसद विजय कुमार खंडेलवाल के बेटे हेमंत खंडेलवाल को निर्विरोध बनाया गया मध्यप्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष, जानिए उनका अब तक का राजनीतिक सफर

भारतीय जनता पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई को नया अध्यक्ष मिल गया है और यह जिम्मेदारी मिली है हेमंत खंडेलवाल को, जो कि पूर्व सांसद विजय कुमार खंडेलवाल के बेटे हैं। उन्हें निर्विरोध रूप से मध्यप्रदेश भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है। इस फैसले ने राज्य की राजनीति में एक नई ऊर्जा और दिशा का संकेत दिया है।
निर्विरोध चुने गए प्रदेश अध्यक्ष
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बात की पुष्टि की कि हेमंत खंडेलवाल को पार्टी के मध्यप्रदेश अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। इस अवसर पर पार्टी कार्यालय में शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और अन्य शीर्ष नेता मौजूद रहे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि खंडेलवाल को शीर्ष स्तर से समर्थन प्राप्त है।
राजनीतिक विरासत से प्रेरित सफर
हेमंत खंडेलवाल का जन्म 3 सितंबर 1964 को मथुरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वे चार बार बेतूल लोकसभा सीट से सांसद रहे विजय कुमार खंडेलवाल के बेटे हैं। राजनीति उनके खून में है और उनका बचपन सार्वजनिक सेवा के मूल्यों से भरा रहा है।
लोकसभा से विधानसभा और अब संगठन की कमान
2008 में पिता के निधन के बाद बेतूल सीट खाली हुई और भारतीय जनता पार्टी ने हेमंत को उपचुनाव में टिकट दिया। उन्होंने कांग्रेस के सुखदेव पांसे को हराकर पहली बार संसद का रास्ता तय किया। इसके बाद 2013 में विधानसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस के हेमंत वाघाडरे को हराकर विधायक बने। हालांकि 2018 में उन्हें निलय डागा से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2023 में उन्होंने जोरदार वापसी करते हुए डागा को मात दी और फिर से बेतूल से विधायक बने।
जनता से गहरा जुड़ाव, संगठन में सशक्त भूमिका
हेमंत खंडेलवाल सिर्फ जनप्रतिनिधि नहीं बल्कि जमीनी नेता भी हैं। चाहे सड़क निर्माण हो, शिक्षा हो या किसानों की समस्याएं, उन्होंने हर मंच पर अपने क्षेत्र की आवाज़ उठाई। इसके साथ ही, वे मध्यप्रदेश भाजपा में कोषाध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं और वर्तमान में कुशाभाऊ ठाकरे विचार न्यास के अध्यक्ष हैं, जो पार्टी का प्रमुख थिंक टैंक है।
शिक्षा और निजी जीवन
कॉमर्स और कानून की पढ़ाई कर चुके हेमंत खंडेलवाल एक सफल व्यवसायी और किसान भी हैं। उनका विवाह रीतु खंडेलवाल से 1990 में हुआ और उनके दो बच्चे हैं — एक बेटा और एक बेटी। उनकी माँ कांति खंडेलवाल अब भी उनके साथ रहती हैं।
अब, जब लोकसभा चुनाव 2029 की तैयारियां जोरों पर होंगी, तो हेमंत खंडेलवाल को पार्टी की रणनीति, संगठन और जनसमर्थन को मजबूत करने की जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्हें एक ऐसी विरासत मिली है जिसे निभाना आसान नहीं, लेकिन अब तक के उनके अनुभव और व्यवहार से पार्टी कार्यकर्ताओं को नई उम्मीदें ज़रूर जगी हैं।