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थाईलैंड को मिला 1 दिन का प्रधानमंत्री: पायटोंगटर्न की सस्पेंशन के बाद सुरिया जुंगरुंगरियांगकिट ने संभाली कमान
थाईलैंड की राजनीति में बड़ा उलटफेर, सेना-विरोधी टिप्पणी के आरोप में पायटोंगटर्न शिनावात्रा सस्पेंड, सिर्फ एक दिन के लिए परिवहन मंत्री बने कार्यवाहक प्रधानमंत्री

थाईलैंड की सियासत में मंगलवार को ऐसा घटनाक्रम हुआ जिसने सभी को चौंका दिया। देश की प्रधानमंत्री पायटोंगटर्न शिनावात्रा (Paetongtarn Shinawatra) को कथित नैतिक उल्लंघन के चलते Constitutional Court द्वारा निलंबित कर दिया गया और अगले ही दिन यानी बुधवार को देश को सिर्फ एक दिन के लिए नया प्रधानमंत्री मिला—सुरिया जुंगरुंगरियांगकिट (Suriya Jungrungreangkit)।
यह पहला मौका है जब थाईलैंड को सिर्फ 24 घंटे के लिए प्रधानमंत्री मिला है। पायटोंगटर्न, जो कि पूर्व प्रधानमंत्री Thaksin Shinawatra की बेटी हैं और थाई राजनीति की सबसे शक्तिशाली राजनीतिक विरासत का हिस्सा मानी जाती हैं, उन पर आरोप है कि उन्होंने एक लीक फोन कॉल के दौरान सेना की आलोचना की और कंबोडिया के पक्ष में बयान दिया—जो थाई संविधान के अनुसार एक गंभीर नैतिक उल्लंघन है।
सेना से टकराव बना संकट का कारण
38 वर्षीय पायटोंगटर्न, जिन्होंने अगस्त 2024 में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, अब इस विवाद के बाद जांच की प्रक्रिया का सामना कर रही हैं। उन्हें 15 दिनों में जवाब देना होगा, परंतु तब तक उन्हें प्रधानमंत्री पद से निलंबित कर दिया गया है।
इस फैसले के तुरंत बाद Deputy PM और परिवहन मंत्री सुरिया जुंगरुंगरियांगकिट को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। लेकिन उनका यह कार्यकाल महज़ एक दिन का रहा क्योंकि पहले से तय कैबिनेट फेरबदल के तहत गुरुवार को नए गृह मंत्री फुमथाम वेचयाचाई (Phumtham Wechayachai) को यह पद सौंपा जाना है।
एक दिन के पीएम और 93 साल की विरासत
बुधवार को सुरिया ने बैंकॉक में प्रधानमंत्री कार्यालय की 93वीं वर्षगांठ पर एक समारोह में भाग लेकर अपने कार्यकाल की शुरुआत की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुरिया को थाई राजनीति का weathervane कहा जाता है—जो हर बार सत्ता के साथ अपनी वफादारी दिखाते हैं।
Bloomberg की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटनाक्रम थाईलैंड की Pheu Thai पार्टी के लिए राजनीतिक अस्थिरता का संकेत है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि कैबिनेट बदलाव के बाद फुमथाम को डिप्टी पीएम की उपाधि मिलेगी जो सुरिया से उच्च पद पर होंगे और उन्हें ही नई जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
क्या पायटोंगटर्न की वापसी संभव?
पायटोंगटर्न के लिए अगला पखवाड़ा बेहद निर्णायक हो सकता है। अगर वे अदालत को संतोषजनक उत्तर देने में सफल नहीं हुईं, तो उन्हें पद से स्थायी रूप से हटाया भी जा सकता है। उनकी पार्टी और समर्थक अभी भी उनकी वापसी को लेकर आशान्वित हैं, लेकिन विपक्ष और थाई सेना की प्रतिक्रिया बेहद अहम होगी।
यह देखना दिलचस्प होगा कि थाईलैंड की राजनीति अब किस दिशा में जाती है। फिलहाल के लिए, थाईलैंड को एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जिसकी कार्यावधि एक सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक सीमित रही।