Urban Development
बेंगलुरु में ज़मीन अधिग्रहण को लेकर हड़कंप BBMP के ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में असली मालिकों के नाम ही गायब
Hoodi Main Road के दर्जनों प्रॉपर्टी मालिकों ने जताया विरोध, TDR घोटाले की आशंका के साथ लोकायुक्त में शिकायत की तैयारी

बेंगलुरु के ITPL-हूडी मेन रोड पर रहने वाले दर्जनों प्रॉपर्टी मालिकों के लिए 18 जून 2025 की तारीख एक बड़े झटके की तरह आई, जब बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (BBMP) ने रोड चौड़ीकरण के लिए ड्राफ्ट अधिसूचना जारी की। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि अधिसूचना में जिन ज़मीनों का अधिग्रहण प्रस्तावित है, उनमें से अधिकांश पर वर्तमान मालिकों के बजाय पुराने दशकों पहले के नाम दर्ज हैं — कुछ तो ऐसे जिनकी मृत्यु 50 साल पहले हो चुकी है।
1968 के रिकॉर्ड, 2025 की अधिसूचना!
एच.एम. चंद्रशेखर, जिन्होंने 1987 में हुडी गांव में प्लॉट खरीद कर मकान बनाया, अब हैरान हैं कि उनकी संपत्ति के हिस्से को अधिग्रहण के लिए चिह्नित किया गया है, और मालिक के तौर पर 1968 में दर्ज नागप्पा का नाम लिखा गया है। जबकि चंद्रशेखर ने 1987 में ही वैध रूप से यह जमीन खरीदी थी।
इसी तरह, वेंकटेश रेड्डी, जिन्होंने 1999 में अपने पुश्तैनी भूखंड पर घर बनाया, उनके लिए भी नोटिस में मालिक के तौर पर दोड्डा तायप्पा रेड्डी का नाम लिखा है — जो उनके परदादा थे और जिनका निधन कई दशक पहले हो चुका है।
BBMP की मंशा पर उठे सवाल
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि BBMP जानबूझकर पुराने RTC रिकॉर्ड (Records of Rights, Tenancy and Crops) का इस्तेमाल कर रही है ताकि वैध मालिकों को मुआवजे के अधिकार से वंचित किया जा सके। चंद्रशेखर ने कहा, “2017 में BBMP ने हमें अधिसूचना भेजी थी और ₹18,197 प्रति वर्ग फुट मुआवज़ा देने की बात कही थी। अब वही संस्था हमें मालिक ही नहीं मान रही!”
TDR घोटाले की आशंका
प्रॉपर्टी मालिकों ने TDR (Transferable Development Rights) घोटाले की आशंका जताते हुए आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि गलत नामों से नोटिफिकेशन जारी कर के फर्जी मालिकों को TDR का लाभ दिया जा सकता है, जैसा कि पहले हो चुका है। इस घोटाले की जांच कर्नाटक लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहले से कर रहे हैं। मई के अंतिम सप्ताह में ED ने इस मामले में कई जगह छापे भी मारे थे।
BBMP का जवाब: यह सिर्फ ड्राफ्ट है
मुख्य नागरिक आयुक्त एम. महेश्वर राव ने सफाई दी है कि यह केवल ड्राफ्ट नोटिफिकेशन है और सभी प्रॉपर्टी मालिकों को अपना दावा प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा। अंतिम अधिसूचना जारी करते समय सभी आपत्तियों पर विचार किया जाएगा।
प्रॉपर्टी मालिकों की मांग है कि मौजूदा अधिसूचना को तत्काल रद्द किया जाए और सही मालिकों के नाम के साथ नई अधिसूचना जारी की जाए। साथ ही, लोकायुक्त में आधिकारिक शिकायत दर्ज करने पर भी विचार चल रहा है।
