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दिल्ली में 62 लाख गाड़ियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल, फ्यूल पंपों पर शुरू हुई सख्ती

15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीज़ल वाहनों पर फ्यूल बैन लागू, दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए बड़ा फैसला लिया।

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दिल्ली में 15 साल पुराने वाहनों पर फ्यूल बैन, 62 लाख गाड़ियों को झटका
दिल्ली के फ्यूल पंपों पर ANPR कैमरों से हो रही पुराने वाहनों की पहचान, पेट्रोल-डीजल पर सख्त बैन लागू

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज से पेट्रोल और डीज़ल की बिक्री पर एक ऐतिहासिक पाबंदी लागू हो गई है। अब 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों और 10 साल से पुराने डीज़ल वाहनों को पेट्रोल पंपों पर फ्यूल नहीं मिलेगा। इस फैसले का असर सीधे तौर पर 62 लाख से अधिक गाड़ियों पर पड़ेगा।

यह निर्णय दिल्ली सरकार और Commission for Air Quality Management (CAQM) की ओर से Statutory Direction No. 89 के तहत लिया गया है, जिसका उद्देश्य NCR में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाना है।



कौन सी गाड़ियां होंगी बैन के दायरे में?

  • 15 साल से अधिक पुरानी पेट्रोल गाड़ियां
  • 10 साल से अधिक पुरानी डीज़ल गाड़ियां
  • टू-व्हीलर, गुड्स कैरियर, कमर्शियल और विंटेज व्हीकल्स भी शामिल हैं

Centre for Science and Environment (CSE) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के कुल प्रदूषण का 51% हिस्सा वाहनों से ही आता है।


कैसे लागू हो रहा है यह बैन?

  • 498 पेट्रोल पंपों पर लगाए गए ANPR (Automatic Number Plate Recognition) कैमरे, जो VAHAN डेटाबेस से लिंक होंगे
  • कैमरे खुद-ब-खुद पुराने वाहनों की पहचान कर ऑपरेटर और पुलिस को अलर्ट भेजेंगे
  • 350 पेट्रोल पंपों पर ट्रैफिक पुलिस तैनात, हर पंप पर एक अफसर
  • 59 स्पेशल टीमें और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं
  • नियम तोड़ने वाले वाहनों को जब्त कर स्क्रैपिंग की कार्रवाई की जाएगी

क्या हैं ज़मीनी हकीकत और चुनौतियाँ?

निशांत सिंघानिया, जो दिल्ली में पेट्रोल डीलर हैं, कहते हैं कि “इस स्कीम को लागू करने से पहले ट्रायल ज़रूरी था। enforcement कितने दिन चलेगा? अगर कोई पुरानी गाड़ी गलती से बच गई तो हमें दंडित किया जाएगा।”

मोहित, एक दैनिक यात्री ने कहा—”अगर 15 दिन की जागरूकता या ट्रायल होता, तो आम लोगों को समस्या नहीं होती। कई लोग इस फैसले से अब भी अनजान हैं।”

ग्रीन पार्क स्थित एक पेट्रोल पंप पर NDTV ने जाकर देखा तो कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें अभी तक ट्रेनिंग नहीं दी गई है कि किसे फ्यूल देना है और किसे नहीं।

एक टू-व्हीलर चालक का कहना है, “कुछ पुराने वाहन आज भी अच्छी स्थिति में हैं। केवल उम्र के आधार पर रोक लगाना उचित नहीं। सभी गाड़ियों का PUCC चेक किया जाना चाहिए।”

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