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हंसी के बादशाह जसविंदर भल्ला का निधन 65 साल की उम्र में मोहित

पंजाबी फिल्मों के मशहूर कॉमेडियन जसविंदर भल्ला ने मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली, Carry On Jatta और Jatt & Juliet जैसी फिल्मों में निभाए उनके किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा हैं।

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पंजाबी कॉमेडियन जसविंदर भल्ला का निधन 65 की उम्र में, Carry On Jatta के स्टार को अलविदा
पंजाबी कॉमेडी के सुपरस्टार जसविंदर भल्ला, Carry On Jatta जैसे किरदारों से घर-घर में बने पहचान।

पंजाबी सिनेमा की दुनिया आज शोक में है। हास्य कलाकार और अभिनेता जसविंदर भल्ला का शुक्रवार सुबह निधन हो गया। 65 वर्षीय इस कलाकार ने मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वह पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे।

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उनके निधन की खबर ने न केवल पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री को झकझोर दिया है बल्कि लाखों-करोड़ों प्रशंसकों को भी गहरे दुख में डाल दिया है। सोशल मीडिया पर कलाकारों और प्रशंसकों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदान को याद किया।

गांव दोराहा से अंतरराष्ट्रीय पहचान तक

4 मई 1960 को लुधियाना जिले के दोराहा कस्बे में जन्मे जसविंदर भल्ला ने अपनी सरल, चुटीली और घरेलू अंदाज वाली कॉमेडी से हर वर्ग के दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी कॉमिक टाइमिंग इतनी सटीक थी कि वे हर फिल्म और शो में अलग ही छाप छोड़ते थे।

करियर की शुरुआत “छंकटा” से

भल्ला का अभिनय सफर 1988 में मशहूर कॉमेडी सीरीज छंकटा से शुरू हुआ। इसमें उनका किरदार “चाचा छत्रा” लोगों की जुबान पर चढ़ गया। इसके बाद उन्होंने पंजाबी फिल्मों में भी कदम रखा और दुल्ला भट्टी से अपना फिल्मी करियर शुरू किया।

सुपरहिट फिल्मों का सफर

भल्ला ने अपने तीन दशक लंबे करियर में दर्शकों को हंसाने और गुदगुदाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। उनकी फिल्में कैरी ऑन जट्टा, जट्ट एंड जूलियट, चक दे फट्टे और डैडी कूल मुंडे फूल आज भी कॉमेडी की मिसाल मानी जाती हैं।

अकादमिक करियर में भी चमके

बहुत कम लोग जानते हैं कि जसविंदर भल्ला सिर्फ एक बेहतरीन कॉमेडियन ही नहीं, बल्कि एक विद्वान भी थे। उन्होंने पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना से बीएससी (ऑनर्स) और एमएससी (एक्सटेंशन एजुकेशन) पूरी की। 2000 में उन्होंने CCSU मेरठ से पीएचडी भी की।
1989 में वे पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी से जुड़े और 2020 में रिटायरमेंट तक वहां कृषि विस्तार शिक्षा विभाग के प्रमुख रहे।

अंतिम यात्रा और विदाई

भल्ला का अंतिम संस्कार 23 अगस्त को दोपहर 12 बजे मोहाली के बलोंगी श्मशान घाट पर किया जाएगा। बड़ी संख्या में प्रशंसक और कलाकार उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए जुटेंगे।

दर्शकों के दिलों में अमर रहेंगे भल्ला

जसविंदर भल्ला का जीवन इस बात का प्रमाण है कि हंसी भी इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है। उन्होंने मंच और पर्दे पर ऐसे-ऐसे किरदार निभाए जिन्हें भुलाना असंभव है। भले ही वह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी हंसी और उनका अंदाज हमेशा दर्शकों की यादों में जिंदा रहेगा।