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AI से बना Hanuman फिल्म पोस्टर देख भड़के अनुराग कश्यप कहा तुम्हें नाली में होना चाहिए
AI पर बनी फिल्म ‘Chiranjeevi Hanuman’ के निर्माता विजय सुब्रमण्यम पर बरसे अनुराग कश्यप, बोले – जो कलाकारों का प्रतिनिधित्व करते हैं, वही अब AI से बना रहे फिल्म

बॉलीवुड में तकनीक और रचनात्मकता की टकराहट एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह बनी है AI से बनी फिल्म ‘Chiranjeevi Hanuman – The Eternal’, जिसे 2026 की हनुमान जयंती पर रिलीज़ किया जाएगा। लेकिन फिल्म के अनाउंसमेंट के साथ ही इस पर बवाल मच गया है। मशहूर निर्देशक अनुराग कश्यप ने इस फिल्म के निर्माता विजय सुब्रमण्यम पर जमकर हमला बोला है।
अनुराग कश्यप ने Vijay Subramaniam को कहा ‘नाली में होना चाहिए’
अनुराग कश्यप ने फिल्म के पोस्टर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए Instagram पर लिखा –

“यह है वह इंसान जो @lifeatcollectiveartistsnetwork को हेड करता है, जो कलाकारों का प्रतिनिधित्व करता है और अब AI से फिल्म बना रहा है। यह सब उन क्रिएटर्स के हितों की रक्षा करने की बात करता है।”
इसके बाद अनुराग ने एक कदम आगे बढ़ते हुए लिखा –
“ये सारी एजेंसियां बस आपसे पैसे कमाने में रुचि रखती हैं। जब आप उनके लिए पैसे नहीं कमा पाते, तो वे सीधे AI की ओर मुड़ जाते हैं। कोई भी कलाकार जो खुद को कलाकार कहता है और जिसकी रीढ़ की हड्डी सही जगह पर है, उसे इस पर सवाल उठाना चाहिए या एजेंसी छोड़ देनी चाहिए।”
अंत में उन्होंने तंज कसते हुए कहा –

“यह है भविष्य उन रीढ़विहीन कलाकारों का, जो सिर्फ नाम के लिए क्रिएटिव हैं। शर्म भी अब तुम्हारे लिए काफी नहीं है विजय सुब्रमण्यम… तुम्हें नाली में होना चाहिए।“
Vikramaditya Motwane ने भी जाहिर की नाराज़गी
सिर्फ अनुराग कश्यप ही नहीं, बल्कि निर्देशक विक्रमादित्य मोटवाने ने भी इस फिल्म पर निशाना साधा। उन्होंने Instagram Story में फिल्म की घोषणा को साझा करते हुए लिखा –
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“And so it begins… Who TF needs writers and directors when it’s ‘Made in AI’.”
यह स्पष्ट करता है कि बॉलीवुड में एक बड़ा वर्ग AI जनित फिल्मों को लेकर न सिर्फ चिंतित है बल्कि आक्रोशित भी है।
निर्माता Vijay Subramaniam ने दी सफाई
विवाद बढ़ने पर विजय सुब्रमण्यम, जो Collective Artists Network के फाउंडर और ग्रुप CEO हैं, ने एक बयान जारी करते हुए कहा –

“इस फिल्म के जरिए हमारे पास सांस्कृतिक कहानियों को एक नई दिशा में ले जाने का अद्वितीय अवसर है। हमारी प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ की जा रही है और हम यह साफ तौर पर बता रहे हैं कि AI का इस्तेमाल किस हद तक किया गया है।”
क्या AI कलाकारों की जगह ले लेगा?
यह बहस अब महज़ एक फिल्म तक सीमित नहीं है। सवाल यह उठता है कि क्या AI क्रिएटिव इंडस्ट्री में कलाकारों, लेखकों और निर्देशकों की जगह ले सकता है?
विजय सुब्रमण्यम जैसे निर्माता इसे ‘ट्रेडिशन और इनोवेशन’ का संगम बता रहे हैं, लेकिन अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवाने जैसे फिल्मकार इसे एक खतरे की घंटी मानते हैं।
निष्कर्ष: रचनात्मकता बनाम तकनीक
जहां एक ओर AI तकनीक नई संभावनाएं खोल रही है, वहीं दूसरी ओर इससे जुड़े नैतिक और पेशेवर सवाल भी उठ खड़े हुए हैं। क्या तकनीक पर आधारित फिल्में हमारी सांस्कृतिक विरासत और रचनात्मकता को नुकसान पहुंचाएंगी? इस सवाल का जवाब आने वाले समय में बॉलीवुड और दर्शकों की सोच तय करेगी।
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