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Aligarh

हरदोई के शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास: अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाले देश के दूसरे भारतीय बने

उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव कोरौंध से अंतरिक्ष तक का सफर, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उड़ान पर गांव में जश्न का माहौल, नाना-नानी ने बांटी मिठाइयां

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हरदोई के कोरौंध गांव से अंतरिक्ष तक: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उड़ान पर ग्रामीणों का जश्न, मिठाइयों से भरा गांव

हरदोई/कोरौंध:
उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से निकलकर जब कोई बेटा अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छूता है, तो वह न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे देश का गौरव बन जाता है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने यही कर दिखाया है। हरदोई जिले के भरावन विकास खंड के कोरौंध गांव से ताल्लुक रखने वाले शुभांशु अब भारत के दूसरे ऐसे व्यक्ति बन गए हैं जिन्होंने अंतरिक्ष की सफल उड़ान भरी।

इस ऐतिहासिक क्षण ने न केवल कोरौंध बल्कि आस-पास के गांवों को भी जश्न में डुबो दिया है। लोग मिठाई बांटकर, नाच-गाकर और आरती कर शुभांशु के सुरक्षित मिशन की कामना कर रहे हैं।


बचपन से ही था सपना बड़ा, अब बना हकीकत

शुभांशु का बचपन ननिहाल गोनी गोंडवा और कोरौंध गांव में बीता। गांव के बुजुर्ग आज भी याद करते हैं कि यह होनहार बच्चा बच्चों के साथ सादगी से खेलता था, लेकिन पढ़ाई और अनुशासन में कोई समझौता नहीं करता था।

उनके नाना दिनेश तिवारी और नानी ऊषा ने उन्हें मिठाई खिलाकर खुशी जताई और कहा, “बचपन से उसमें अलग चमक थी, आज वह आसमान से भी ऊपर पहुंच गया है।”


गांव में जश्न, मिठाइयों से भरे डिब्बे और गर्व भरे चेहरे

गांव के विवेक सिंह, अमित सिंह, रामदत्त शर्मा और राजाराम गौतम ने मिलकर मिठाइयां और फल बांटे। कोरौंध में घर-घर ढोलक की थाप और थाली की आवाज़ गूंज रही है।

अमन गुप्ता और दिव्यांशी जैसे युवा अब शुभांशु को अपना आदर्श मान रहे हैं। गांव के लोगों का कहना है कि अब यह गांव केवल नक्शे पर नहीं, अंतरिक्ष विज्ञान की प्रेरणा सूची में भी दर्ज हो गया है।


देश को मिला नया अंतरिक्ष नायक

भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा के बाद अब शुभांशु शुक्ला इस गौरव को दोहराने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं।

भारतीय वायुसेना के अनुभवी पायलट के रूप में उन्होंने वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण से यह मुकाम हासिल किया है। देशभर में वैज्ञानिक समुदाय और रक्षा प्रतिष्ठानों में भी उनकी उड़ान को लेकर उत्साह और गर्व का माहौल है।


सिर्फ उड़ान नहीं, एक पीढ़ी को मिली प्रेरणा

शुभांशु की सफलता ने यह दिखा दिया कि सपनों की कोई सीमा नहीं होती। छोटे गांवों से निकले युवाओं में अब नया जोश है। हरदोई के छात्र-छात्राएं अब विज्ञान और अंतरिक्ष को अपना लक्ष्य मान रहे हैं।

“शुभांशु ने न सिर्फ अंतरिक्ष छुआ, बल्कि गांव-गांव में उम्मीदें जगा दी हैं,” गांव के शिक्षक राधेश्याम शुक्ला कहते हैं।