Uttar Pradesh News
उत्तर प्रदेश में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, 20 से ज्यादा जिलों में स्कूल बंद
अगस्त की शुरुआत के साथ ही उत्तर प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। आसमान से लगातार बरस रही बूंदों ने जहां गर्मी से राहत दी है, वहीं प्रदेश के कई जिलों में जिंदगी की रफ्तार थम-सी गई है। निचले इलाकों में जलभराव, सड़कें नदी जैसी बन चुकी गलियां और घरों में घुसा पानी—ये तस्वीरें साफ बयां कर रही हैं कि इस बार मानसून अपने पूरे जोश में है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में बारिश और भी तेज़ हो सकती है, ऐसे में प्रशासन ने एहतियात के तौर पर कई बड़े फैसले लिए हैं।
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वाराणसी, प्रयागराज, बांदा, शाहजहांपुर और मिर्जापुर जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहां गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और कई मोहल्लों में पानी घरों तक पहुंच गया है। बांदा में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 5 अगस्त को अवकाश घोषित किया, जबकि शाहजहांपुर में भी जिला शिक्षा अधिकारी ने यही आदेश जारी किया। प्रयागराज में तो हालात इतने बिगड़े कि 5 से 7 अगस्त तक सभी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को बंद रखने का निर्णय लिया गया।
कानपुर के जिलाधिकारी ने 5 अगस्त को सभी स्कूलों की छुट्टी का आदेश दिया और साफ कहा कि स्कूल प्रशासन इसका कड़ाई से पालन करे। वाराणसी में सभी बोर्ड के प्री प्राइमरी से लेकर 12वीं तक के स्कूलों को दो दिन के लिए बंद किया गया है। ड्रेनेज सिस्टम की खामियां भी इस संकट को और गंभीर बना रही हैं—कई जगह सड़कों पर 3 से 4 फीट पानी जमा है, जिससे यातायात भी प्रभावित हो गया है।

जालौन, लखीमपुर खीरी, अलीगढ़, सीतापुर, अमेठी, अयोध्या, सिद्धार्थ नगर, रायबरेली, संबल, मुरादाबाद, गाजीपुर, बदायूं, रामपुर, बदोही, बरेली, अंबेडकर नगर और बहराइच जैसे जिलों में भी प्रशासन ने स्कूल बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। कुछ जिलों में यह अवकाश केवल आठवीं तक की कक्षाओं के लिए है, जबकि अलीगढ़ और सीतापुर में 12वीं तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे।
प्रशासन का कहना है कि यह कदम बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, क्योंकि जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति में स्कूल जाना उनके लिए जोखिम भरा हो सकता है। फिलहाल अभिभावकों और नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें, अनावश्यक बाहर न निकलें और घर पर ही सुरक्षित रहें।
इस समय पूरा प्रदेश एक ही प्रार्थना कर रहा है—बारिश थमे और जिंदगी अपनी सामान्य रफ्तार पकड़ ले। लेकिन तब तक सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
