Weather
उत्तराखंड में आफत की बारिश 9 जिलों में रेड अलर्ट चारधाम यात्रा स्थगित
देहरादून में 150 मिमी से ज़्यादा बारिश, नदियां उफान पर सरकार ने जारी की चेतावनी – घर में रहें सतर्क रहें

उत्तराखंड में मानसून इस वक्त अपना सबसे भयावह रूप दिखा रहा है। राज्य के नौ जिलों में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इन इलाकों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है और सरकार ने सावधानी के तौर पर आज के लिए चारधाम यात्रा स्थगित कर दी है।
देहरादून, पौड़ी, टिहरी, चंपावत, नैनीताल, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर उन जिलों में शामिल हैं जहां भारी बारिश का खतरा बना हुआ है। शनिवार देर रात से देहरादून और आसपास के इलाकों में रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई, जिससे शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया और पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आईं। देहरादून में 150 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई है।
राज्य सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा है। आपदा प्रबंधन विभाग और SDRF को सक्रिय कर दिया गया है। कई जगहों पर जल निकासी ठप हो जाने से यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और सड़कें बंद होने की खबरें भी लगातार मिल रही हैं।
चारधाम यात्रा, जो कि उत्तराखंड की धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण यात्रा मानी जाती है, फिलहाल सुरक्षा कारणों से रोक दी गई है। अधिकारियों ने कहा है कि मौसम की स्थिति सामान्य होने तक यात्रा फिर से शुरू नहीं की जाएगी। तीर्थयात्रियों से अपील की गई है कि वे फिलहाल यात्रा न करें और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें।
नदी-नालों के पास खतरे की घंटी बज चुकी है, खासकर गंगा, यमुना और अलकनंदा के किनारे बसे गांवों में बाढ़ की आशंका जताई गई है। प्रशासन ने ऐसे इलाकों में लोगों को सचेत रहने और ज़रूरत पड़ने पर ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
इस बीच सोशल मीडिया पर लोग जहां प्राकृतिक आपदा के प्रति चिंता जता रहे हैं, वहीं कुछ जगहों पर राहत और बचाव कार्यों में जुटी एजेंसियों की तत्परता की भी सराहना हो रही है। मौसम विभाग ने साफ किया है कि अगले 48 घंटे बेहद संवेदनशील हो सकते हैं और बारिश का यह कहर अभी थमने के आसार नहीं हैं।
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पंजाब में बदला मौसम का मिज़ाज: अमृतसर-फरीदकोट में ज़बरदस्त बारिश, खेतों में घुसा मारकंडा नदी का पानी
उत्तर भारत में भारी वर्षा से बिगड़े हालात, पंजाब में गिरा तापमान तो हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने से तबाही, मारकंडा और यमुना नदी उफान पर

उत्तर भारत में मानसून पूरी ताकत से सक्रिय हो चुका है। मंगलवार को पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश देखने को मिली, जिससे जनजीवन प्रभावित हो गया है। विशेषकर अमृतसर और फरीदकोट जिलों में झमाझम बारिश ने तापमान में भी गिरावट ला दी।
अमृतसर में 60.4 मिमी और फरीदकोट में 32.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई। अधिकतर जिलों में अधिकतम तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि फरीदकोट ने 40 डिग्री का आंकड़ा छू लिया। मौसम विभाग ने बुधवार को भी कई हिस्सों में मौसम बिगड़ने की चेतावनी जारी की है।
हिमाचल और उत्तराखंड में बादल फटने से भारी नुकसान
बारिश का कहर सिर्फ मैदानों तक सीमित नहीं रहा। हिमाचल प्रदेश के चंबा और उत्तराखंड के चमोली जिले में बादल फटने की घटनाएं सामने आईं, जिससे संपर्क मार्ग बह गए और कई इलाकों में आवागमन ठप हो गया।
सिरमौर जिले के नाहन में सोमवार रात भारी वर्षा के चलते नाहन-सराहां-कुमारहट्टी राष्ट्रीय राजमार्ग का लगभग 50 मीटर हिस्सा धंस गया। वहीं, हमीरपुर में बिहार की रहने वाली 30 वर्षीय महिला किरण देवी का शव मंगलवार को मिला, जो 6 जुलाई को बहे जाने के बाद लापता थी।
मारकंडा नदी तीसरी बार उफान पर, खेतों में फैला पानी
हरियाणा की मारकंडा नदी ने इस मॉनसून में तीसरी बार उफान मचाया है। मंगलवार सुबह मुलाना क्षेत्र में इसका जलस्तर 8.3 फीट तक पहुंच गया, जिसके साथ इसका प्रवाह लगभग 36 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया। नदी का पानी खेतों में घुस गया, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
यमुना और उसकी सहायक नदियों का जलस्तर घट-बढ़
यमुना नदी सहित उसकी सहायक नदियों का जलस्तर भी लगातार घट-बढ़ रहा है। मंगलवार को हथनीकुंड बैराज पर यमुना का बहाव 24,326 क्यूसेक, जबकि पश्चिमी यमुना नहर में 12,010 क्यूसेक और पूर्वी यमुना नहर में 2,010 क्यूसेक दर्ज किया गया।
टांगरी नदी, जो मोरनी से अंबाला में प्रवेश करती है, उसका जलस्तर 8,000 क्यूसेक तक पहुंच गया। अधिकारियों का मानना है कि यदि पहाड़ों में बारिश जारी रही, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।
जनजीवन प्रभावित, खतरे की आहट
- कई क्षेत्रों में सड़कें क्षतिग्रस्त, यातायात बाधित
- कालोनियों और खेतों में पानी भरने की स्थिति
- सावधानी और सतर्कता को लेकर प्रशासन की अपील
- मौसम विभाग का अलर्ट: अगले कुछ दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है
Nagpur
वाराणसी में खतरे के निशान से ऊपर पहुंची गंगा, डूबे घाट और मंदिर – आस्था पर भारी बारिश!
लगातार भारी बारिश से गंगा का जलस्तर हर दिन बढ़ रहा, मणिकर्णिका घाट और राम घाट पूरी तरह जलमग्न, श्रद्धालुओं को गंगा आरती देखने में हो रही दिक्कत

उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी एक बार फिर मानसून के प्रकोप की चपेट में है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जिससे घाट डूबने लगे हैं और मंदिरों में पानी घुस गया है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, हर दिन गंगा एक-एक सीढ़ी ऊपर चढ़ रही है। “84 पारंपरिक घाटों के अलावा जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमो घाट बनवाया है, अब कुल 85 घाट हैं, लेकिन पानी की वजह से कई घाटों तक पहुंचना असंभव हो गया है,” स्थानीय निवासी सोनू साहनी ने बताया।
वाराणसी ही नहीं, प्रयागराज में भी गंगा का कहर
वाराणसी में मणिकर्णिका घाट जहां शवों का अंतिम संस्कार होता है, पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। वहीं प्रयागराज में भी राम घाट पूरी तरह पानी में डूब चुका है।
स्थानीय नाव चालक लखन कुमार साहनी का कहना है, “पानी हर दिन एक या दो सीढ़ी ऊपर चढ़ रहा है। इससे गंगा आरती देखना और नाव चलाना बेहद मुश्किल हो गया है।”
IMD का अलर्ट: अभी दो महीने और रहेगा संकट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पहले ही 8 जुलाई से 11 जुलाई तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी जारी कर दी थी। अब इसका असर ज़मीन पर साफ दिख रहा है।
IMD के अनुसार, 7 से 20 सेंटीमीटर तक की भारी से बहुत भारी बारिश उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाकों में रिकॉर्ड की गई है। आने वाले हफ्तों तक भी भारी बारिश की आशंका जताई गई है, जिससे जलस्तर और बढ़ सकता है।
जनजीवन पर पड़ा गहरा असर
- सड़कें बंद, यातायात में बाधा
- श्रद्धालुओं को घाटों पर पहुंचने में मुश्किल
- गंगा आरती का अनुभव प्रभावित
- घरों और दुकानों में पानी भरने की संभावना
स्थानीय प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि गंगा किनारे जाने से फिलहाल बचें, और आवश्यक जानकारी के लिए सरकारी सोशल मीडिया हैंडल्स जैसे @IMDWeather और @UPGovt को फॉलो करें।
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रतनपुर में अगले 3 दिनों तक बदलता रहेगा मौसम कहीं तेज धूप तो कहीं बारिश की दस्तक
रतनपुर में 9 से 11 जुलाई तक मौसम रहेगा रोमांचक हल्की बौछारों के साथ गरज-चमक की चेतावनी, जानिए दिनभर का हाल

उत्तर प्रदेश के रतनपुर क्षेत्र में आने वाले तीन दिन मौसम का मिजाज बार-बार करवट लेगा। जहां एक ओर दिन में तेज धूप और उमस लोगों को परेशान कर सकती है, वहीं शाम होते-होते बादलों की आवाजाही और हल्की बारिश से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो 10 और 11 जुलाई को गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना प्रबल है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पूर्वी हवाओं में नमी और स्थानीय तापमान में बदलाव के चलते रतनपुर के आसमान में बार-बार बादल घिर सकते हैं। कभी-कभी तेज हवा के साथ बूंदाबांदी भी देखने को मिल सकती है, जिससे तापमान में थोड़ी गिरावट आ सकती है।
कृषि विभाग ने किसानों को चेतावनी दी है कि यदि बारिश होती है, तो वे खेतों में जलभराव से बचाव करें और बुवाई के लिए समय का चुनाव मौसम के अनुसार करें। वहीं जिन इलाकों में कीटनाशक छिड़काव चल रहा है, वहां मौसम का खास ध्यान रखें।
शहर प्रशासन ने जलभराव, बिजली आपूर्ति और सड़कों की सफाई को लेकर तैयारी तेज कर दी है। स्थानीय निवासियों को सलाह दी गई है कि मौसम खराब होने पर खुले में यात्रा न करें और मौसम अपडेट्स पर नज़र रखें।
Forecast Table: अगले 3 दिनों का मौसम पूर्वानुमान (रतनपुर)
दिनांक | अधिकतम तापमान | न्यूनतम तापमान | संभावित मौसम | बारिश की संभावना |
---|---|---|---|---|
9 जुलाई | 35°C | 27°C | गर्मी और बादल | 30% |
10 जुलाई | 33°C | 26°C | गरज-चमक के साथ बौछारें | 55% |
11 जुलाई | 32°C | 25°C | मध्यम बारिश और ठंडी हवा | 65% |
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