Bihar
तेज प्रताप यादव को अखिलेश यादव का भावुक वीडियो कॉल: पूछा– कहां से लड़ोगे चुनाव
पार्टी से निष्कासित होने के बाद टूटे हुए दिख रहे तेज प्रताप को समाजवादी नेता अखिलेश यादव ने दिया सियासी सहारा, बोले– आपका कॉल आया, लगा मैं अकेला नहीं हूं।

राष्ट्रीय जनता दल से 6 साल के लिए निष्कासित होने के बाद राजनीतिक अनिश्चितता झेल रहे तेज प्रताप यादव को सपा प्रमुख अखिलेश यादव का वीडियो कॉल किसी संबल से कम नहीं था। इस भावनात्मक बातचीत में जहां एक ओर तेज प्रताप ने अखिलेश को “परिवार का सबसे प्यारा सदस्य” बताया, वहीं दूसरी ओर अखिलेश यादव ने भी उनका मनोबल बढ़ाया और पूछा– “कहां से लड़ोगे चुनाव?”
वीडियो कॉल की यह बातचीत खुद तेज प्रताप यादव ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर साझा की। बातचीत के दौरान समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष फिलहाल गंगा किनारे एक कार्यक्रम में मौजूद थे, लेकिन जैसे ही तेज प्रताप का कॉल आया, उन्होंने गाड़ी में बैठे नेताओं से भी तेज प्रताप की बात कराई। इस मुलाकात की पेशकश पर तेज प्रताप ने कहा कि वह लखनऊ आकर खुद अखिलेश यादव से मिलेंगे।
राजनीति में एक नई शुरुआत की कोशिश?
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव हाल ही में एक वायरल तस्वीर के चलते विवादों में घिर गए थे, जिसके बाद उनके पिता और राजद प्रमुख लालू यादव ने उन्हें न सिर्फ पार्टी से बाहर किया, बल्कि अपने एक्स हैंडल से सार्वजनिक रूप से बेटे को “परिवार और सामाजिक न्याय के संघर्ष को नुकसान पहुंचाने वाला” बताया।
इस घटनाक्रम के बाद तेज प्रताप की चुप्पी ने अटकलों को हवा दी थी कि अब उनका अगला राजनीतिक कदम क्या होगा। लेकिन अखिलेश यादव के इस कॉल ने कहीं न कहीं संकेत दे दिया है कि उत्तर भारत की दो युवा पीढ़ी के नेताओं के बीच राजनीतिक समीकरण फिर से बन सकते हैं।
आपका कॉल आया, लगा मैं अकेला नहीं हूं
तेज प्रताप यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, “अखिलेश यादव मेरे परिवार के सबसे प्यारे लोगों में से हैं। उनका कॉल आना यह दर्शाता है कि मैं अपनी राजनीतिक लड़ाई में अकेला नहीं हूं।” यह बयान उनकी वर्तमान मानसिक स्थिति और राजनीतिक अकेलेपन को स्पष्ट करता है।
क्या सपा के साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरेंगे तेज प्रताप?
तेज प्रताप यादव ने स्पष्ट किया है कि वे विधानसभा चुनाव से पहले लखनऊ जाकर अखिलेश यादव से मिलेंगे। सवाल यह है कि क्या वे आगामी चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ सकते हैं? या फिर एक नया राजनीतिक मोर्चा बनाएंगे? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में मिलेंगे।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि अगर लालू परिवार में टूट की स्थिति बनी रहती है, तो तेज प्रताप जैसे चेहरों को अपने लिए एक अलग मंच बनाना ही होगा। अखिलेश यादव जैसे सहयोगी अगर साथ आते हैं, तो यह गठबंधन बिहार और यूपी दोनों राज्यों की सियासत में नए समीकरण ला सकता है।