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सुनील शेट्टी ने एआई के दुरुपयोग पर लगाई लगाम की मांग, बॉम्बे हाईकोर्ट बोला – “यह डरावना है”

बिना अनुमति एआई से बने डीपफेक वीडियो और तस्वीरों पर भड़के एक्टर, कहा – “मेरे नाम और चेहरे से झूठे ब्रांड्स फायदा उठा रहे हैं”

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Suniel Shetty AI Deepfake Case — Bombay HC Calls Unregulated Use of AI ‘Scary’
बिना अनुमति एआई से बने फर्जी वीडियो और फोटो के खिलाफ अदालत पहुंचे सुनील शेट्टी, कहा – “यह मेरी पहचान और मेहनत का अपमान है”

बॉलीवुड के अनुभवी अभिनेता सुनील शेट्टी (Suniel Shetty) ने अपनी पर्सनैलिटी राइट्स की सुरक्षा के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 64 वर्षीय एक्टर ने अदालत से मांग की है कि उनके नाम, फोटो, वीडियो और आवाज़ का बिना अनुमति व्यावसायिक इस्तेमाल करने वालों पर रोक लगाई जाए, खासकर उन वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर जो एआई (Artificial Intelligence) का गलत उपयोग कर रहे हैं।

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भी चिंता जताते हुए कहा —

“यह बहुत डरावना है कि सोशल मीडिया पर एआई का कितना गलत इस्तेमाल हो रहा है। कोई भी किसी की नकली छवि बनाकर दुनिया के सामने पेश कर सकता है।”


सुनील शेट्टी के नाम पर चल रहा फेक बिज़नेस

सुनील शेट्टी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील बिरेन्द्र साराफ ने बताया कि इंटरनेट पर कई रियल एस्टेट, ज्योतिष और जुआ वेबसाइट्स एक्टर की डीपफेक तस्वीरें इस्तेमाल कर रही हैं।
इनमें कई प्लेटफॉर्म्स पर उनकी फर्जी विज्ञापन, पोस्टर और प्रोडक्ट्स भी बेचे जा रहे हैं — जबकि एक्टर ने ऐसी किसी ब्रांड या सेवा के लिए अनुमति नहीं दी है।

उन्होंने कहा, “इन झूठे अभियानों के कारण एक्टर की प्रतिष्ठा और वर्षों की मेहनत से बनी साख को नुकसान पहुंच रहा है। इससे न केवल उनकी ब्रांड वैल्यू कम हो रही है, बल्कि यह उनके मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स पर भी असर डाल सकता है।”


क्या कहा एक्टर ने अपनी याचिका में

सुनील शेट्टी ने अपनी याचिका में बताया कि

“बिना अनुमति मेरे नाम, फोटो, आवाज़ और पहचान का उपयोग मेरे लिए आर्थिक और मानसिक रूप से नुकसानदायक है। यह मेरे ‘गुडविल’ को कमजोर कर रहा है, जिसे मैंने सालों की मेहनत से बनाया है।”

एक्टर ने यह भी कहा कि इन वेबसाइट्स का बिज़नेस मॉडल ही इस तरह तैयार किया गया है कि वे सेलेब्रिटी की पहचान से पैसे कमा सकें, चाहे वह गलत तरीके से क्यों न हो।


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अदालत ने भी जताई चिंता

सुनवाई के दौरान जस्टिस आरिफ एस डॉक्टर की एकल पीठ ने एआई और डीपफेक के अनियंत्रित उपयोग पर चिंता जताते हुए कहा कि “यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है।”
वकील साराफ ने अदालत को बताया कि हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) का भी एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे कई लोगों ने असली मान लिया था।

जस्टिस डॉक्टर ने कहा कि अगर एआई का ऐसा इस्तेमाल अनियंत्रित रहा, तो यह न केवल कलाकारों बल्कि आम नागरिकों के लिए भी पहचान चोरी (Identity Theft) का खतरा बन सकता है।


एआई और सेलेब्रिटीज़ की निजता

यह पहला मौका नहीं है जब किसी सेलेब्रिटी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया हो।
पिछले महीने वयोवृद्ध गायिका आशा भोसले ने भी एआई से बनाई गई अपनी नकली आवाज़ों के खिलाफ याचिका दायर की थी।
तब भी अदालत ने कहा था कि “किसी की आवाज़ या चेहरा बिना अनुमति इस्तेमाल करना व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन है।”


एआई के दुरुपयोग पर सख्त कदम की जरूरत

इस मामले ने भारत में एआई रेगुलेशन की कमी पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है।
जहां एक ओर एआई रचनात्मकता और तकनीक का नया युग खोल रहा है, वहीं दूसरी ओर यह सेलेब्रिटी फेक प्रमोशन, फर्जी विज्ञापनों और गलत सूचनाओं का जरिया भी बन गया है।

कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों के लिए जल्द ही डिजिटल पर्सनैलिटी राइट्स कानून की जरूरत है, ताकि कलाकारों की पहचान का दुरुपयोग रोका जा सके।


क्या होगा अगला कदम

जस्टिस डॉक्टर ने सुनील शेट्टी की याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली है और कहा है कि वे जल्द ही “एक्स-पार्टी एड-इंटरिम ऑर्डर” जारी करेंगे, यानी फिलहाल अदालत एकतरफा अस्थायी राहत देने का आदेश सुना सकती है।

सुनील शेट्टी के इस कदम को न केवल सेलेब्रिटी समुदाय बल्कि डिजिटल क्रिएटर्स ने भी सराहा है। कई लोगों का मानना है कि यह मामला सेलेब्रिटी पर्सनैलिटी प्रोटेक्शन के लिए एक मिसाल बन सकता है।
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