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एशिया कप हार के बाद श्रीलंका टीम में बड़ा बदलाव, नए बल्लेबाजी और स्पिन कोच की नियुक्ति से मचा हलचल
एशिया कप 2025 में करारी हार के बाद श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने बड़ा कदम उठाया। जूलियन वुड बने बल्लेबाजी कोच और रेने फर्डिनेंड्स को सौंपी गई स्पिन कोचिंग की जिम्मेदारी।
एशिया कप 2025 में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड (Sri Lanka Cricket) ने बड़ा फेरबदल किया है। बोर्ड ने शनिवार को घोषणा की कि इंग्लैंड के प्रसिद्ध कोच जूलियन वुड (Julian Wood) को नया बल्लेबाजी कोच और रेने फर्डिनेंड्स (Rene Ferdinands) को नया स्पिन-बॉलिंग कोच नियुक्त किया गया है। इन दोनों ने क्रमशः थिलिना कंदांबी और पियाल विजेटुंगे की जगह ली है।
यह बदलाव श्रीलंका की हालिया असफलताओं के बाद किया गया है, खासकर तब जब टीम को जुलाई में बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू टी20 सीरीज़ में हार का सामना करना पड़ा था।
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जूलियन वुड – “पावर हिटिंग गुरु”
इंग्लिश कोच जूलियन वुड किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वह “पावर हिटिंग” तकनीक के लिए मशहूर हैं और पहले England and Wales Cricket Board (ECB) के साथ भी काम कर चुके हैं। उन्होंने ग्लॉस्टरशायर, हैम्पशायर, मिडलसेक्स और Punjab Kings (IPL) जैसी टीमों के साथ भी जुड़ाव रखा है।
वुड ने हाल ही में श्रीलंकाई खिलाड़ियों के साथ एक हफ्ते का “पावर हिटिंग ट्रेनिंग प्रोग्राम” आयोजित किया था, जिसने बोर्ड को काफी प्रभावित किया। इसके बाद ही उन्हें एक साल का अनुबंध दिया गया।
वुड ने अगस्त 2025 में बांग्लादेश क्रिकेट टीम के साथ भी एक छोटे कार्यकाल के लिए बल्लेबाजी कोच के रूप में काम किया था।
बोर्ड का मानना है कि उनका आक्रामक कोचिंग तरीका श्रीलंकाई बल्लेबाजों में आधुनिक क्रिकेट का आत्मविश्वास भर सकता है।

रेने फर्डिनेंड्स – विज्ञान और स्पिन का संगम
नई नियुक्ति में सबसे दिलचस्प नाम रेने फर्डिनेंड्स का है, जिन्हें श्रीलंका का नया स्पिन-बॉलिंग कोच बनाया गया है। वे आने वाले दो साल तक इस भूमिका में रहेंगे।
फर्डिनेंड्स सिर्फ कोच नहीं, बल्कि वैज्ञानिक भी हैं। उन्होंने University of Waikato (New Zealand) से बायोमैकेनिक्स में PhD की है। उन्होंने National Cricket Academy (India) में भी काम किया है, जहां उन्होंने स्पिन बॉलिंग में तकनीकी सुधार के लिए “Biomechanics-based Coaching” सिखाया।
वह पहले New Zealand Cricket के साथ भी बायोमैकेनिक्स कंसल्टेंट रह चुके हैं और कई प्रमुख गेंदबाजों के प्रदर्शन और चोट के जोखिम पर रिसर्च की है।
उनकी विशेषज्ञता wrist-spin और finger-spin दोनों में है, जो श्रीलंका के युवा स्पिनर्स जैसे वेलालागे और थेक्षणा के लिए वरदान साबित हो सकती है।
श्रीलंका का हालिया प्रदर्शन और बदलाव की वजह
श्रीलंका ने एशिया कप 2025 की शुरुआत धमाकेदार अंदाज़ में की थी, लेकिन सुपर फोर राउंड में टीम का ग्राफ तेजी से गिरा। टीम ने लगातार तीन मुकाबले गंवा दिए और टूर्नामेंट से बाहर हो गई।
बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा,
“हमने पाया कि टीम को नई सोच और नई ऊर्जा की ज़रूरत है। यह बदलाव उसी दिशा में एक कदम है।”
यह निर्णय अब श्रीलंका की वर्ल्ड कप 2026 की तैयारियों का हिस्सा माना जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय अनुभव से टीम को नई दिशा
वुड और फर्डिनेंड्स दोनों के पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक अनुभव है।
वुड ने इंग्लैंड और भारत में आधुनिक बल्लेबाजी तकनीकों पर कार्य किया है, जबकि फर्डिनेंड्स ने दुनिया भर में बायोमैकेनिक्स पर शोध कर क्रिकेट को विज्ञान से जोड़ा है।
क्रिकेट विश्लेषक रसेल अर्नोल्ड ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा —
“श्रीलंका को अब सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि आधुनिक प्रशिक्षण की ज़रूरत है। ये दोनों कोच टीम की दिशा बदल सकते हैं।”
आगे क्या?
श्रीलंका का अगला अंतरराष्ट्रीय मुकाबला नवंबर में वेस्ट इंडीज के खिलाफ निर्धारित है। इस सीरीज़ से पहले टीम कैंडी में विशेष ट्रेनिंग कैंप लगाएगी, जिसमें दोनों नए कोच खिलाड़ियों की नई तकनीकी और फिटनेस पर फोकस करेंगे।
यह साफ है कि श्रीलंका अब बदलाव के दौर में है। बोर्ड चाहती है कि अगली पीढ़ी के खिलाड़ी आधुनिक कोचिंग के साथ मैदान पर उतरें ताकि टीम एक बार फिर विश्व क्रिकेट में अपनी खोई हुई पहचान वापस पा सके।
