Politics
नोबेल शांति पुरस्कार से पहले रूस ने किया ट्रंप का समर्थन, कहा — “यूक्रेन युद्ध रोकने के प्रयासों की सराहना”
पुरस्कार घोषणा से कुछ घंटे पहले क्रेमलिन ने जताया समर्थन — रूस ने कहा, डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धविराम की दिशा में की अहम पहल, जबकि ट्रंप खुद भी दावा कर चुके हैं कि वे इस सम्मान के हकदार हैं

दैनिक डायरी, मॉस्को/वॉशिंगटन — नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की घोषणा से कुछ ही घंटे पहले रूस ने एक बड़ा बयान देकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। क्रेमलिन के वरिष्ठ अधिकारी यूरी उशाकोव (Yuri Ushakov) ने शुक्रवार को कहा कि रूस अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के शांति पुरस्कार की उम्मीदवारी का समर्थन करता है।
“ट्रंप ने युद्ध रोकने की दिशा में काम किया”
रूसी सरकार का कहना है कि मॉस्को ट्रंप के उन प्रयासों की सराहना करता है जिनके जरिए उन्होंने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की कोशिश की है। उशाकोव ने कहा, “हम इस बात की प्रशंसा करते हैं कि ट्रंप ने यूक्रेन में शांति बहाल करने की दिशा में गंभीरता दिखाई है। उनके कदम सही दिशा में हैं।”
यह बयान ऐसे समय आया है जब नॉर्वे की नोबेल समिति कुछ ही घंटों में 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा करने जा रही थी।

ज़ेलेंस्की ने भी कही थी ट्रंप की तारीफ
दिलचस्प बात यह है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने भी गुरुवार को कहा था कि यदि ट्रंप सच में युद्धविराम कराने में सफल होते हैं, तो कीव खुद उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए नामित करेगा।
ट्रंप का अभियान — “मुझे नोबेल मिलना चाहिए”
पिछले कुछ महीनों में ट्रंप ने खुले तौर पर कई बार कहा है कि वे नोबेल शांति पुरस्कार के असली हकदार हैं। उन्होंने इज़राइल और हमास के बीच संघर्षविराम के लिए हुई बातचीत को अपनी “सबसे बड़ी उपलब्धि” बताया है।
ट्रंप ने कहा था, “मैंने आठ युद्धों को खत्म किया, गाज़ा में शांति वार्ता कराई। लेकिन ओबामा को तो यह पुरस्कार कुछ किए बिना ही मिल गया था।”
उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (Barack Obama) पर निशाना साधते हुए कहा, “उन्हें सिर्फ इसलिए नोबेल दे दिया गया क्योंकि वे चुने गए थे। उन्होंने कुछ नहीं किया सिवाय देश को नुकसान पहुँचाने के।”
परिवार और समर्थकों की मुहिम
ट्रंप के बेटे एरिक ट्रंप (Eric Trump) ने गुरुवार को X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —
“अगर आप मानते हैं कि @realDonaldTrump को नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए, तो रीट्वीट करें।”
वहीं व्हाइट हाउस के आधिकारिक अकाउंट से भी एक फोटो पोस्ट की गई जिसमें ट्रंप को “The Peace President” कहा गया।

क्या ट्रंप को नोबेल मिल सकता है?
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की दावेदारी बहुत मजबूत नहीं है। एसोसिएटेड प्रेस (AP) से बात करते हुए नोबेल के जानकारों ने कहा कि हालांकि ट्रंप ने कई विदेशी नीति पहलें शुरू कीं, लेकिन शांति स्थापना के स्थायी परिणाम अभी दिखाई नहीं देते।
पिछले साल का विजेता कौन था?
2024 का नोबेल शांति पुरस्कार जापान के संगठन निहोन हिदनक्यो (Nihon Hidankyo) को मिला था — यह परमाणु बम हमलों से बचे लोगों का समूह है, जो दशकों से परमाणु निरस्त्रीकरण और शांति के लिए काम कर रहा है।
नोबेल शांति पुरस्कार ही ऐसा सम्मान है जो हर साल नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में प्रदान किया जाता है। अन्य नोबेल पुरस्कार स्टॉकहोम (स्वीडन) में दिए जाते हैं।
निष्कर्ष
रूस द्वारा ट्रंप का समर्थन इस बात का संकेत है कि यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी देशों के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान अब कूटनीतिक सम्मान की दिशा में भी असर डाल रही है। अब देखना यह होगा कि क्या डोनाल्ड ट्रंप, जो खुद को “शांति के राष्ट्रपति” कहते हैं, वास्तव में नोबेल जूरी का दिल जीत पाते हैं या नहीं।