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राजस्थान में बारिश ने तोड़े रिकॉर्ड: जून में सामान्य से 128% अधिक बरसात, भरे बांध और उफनती नदियां

पूर्वी राजस्थान में 160% अधिक वर्षा, 90 से ज्यादा सूखे बांधों में लौटी जीवनधारा; मौसम विभाग ने 27 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी

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राजस्थान में जून 2025 में सामान्य से 128% अधिक बारिश, भरे बांध और राहत की बारिश
भारी बारिश के बाद भर चुके कोटा के जलाशय — राजस्थान में मानसून ने इस बार समय से पहले दिखाई ताकत

राजस्थान में इस बार मानसून ने जबरदस्त दस्तक दी है। जून महीने में ही राज्य ने सामान्य से 128 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की है, जो पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ने वाला आंकड़ा है। मौसम विभाग के अनुसार, पूर्वी राजस्थान में यह आंकड़ा 160 प्रतिशत तक पहुंच गया है जबकि पश्चिमी राजस्थान में भी 79 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है।

इस असाधारण बारिश का असर पूरे प्रदेश में साफ देखा जा सकता है। जल संसाधन विभाग के अनुसार, राजस्थान के बांधों में इस समय कुल संग्रहण क्षमता का 50.45 प्रतिशत पानी भरा हुआ है, जबकि पिछले साल इस समय यह आंकड़ा केवल 32.53 प्रतिशत था। कोटा संभाग के कई छोटे बांध पूरी तरह भर चुके हैं, और बिसलपुर, पार्वती व माही बजाज सागर जैसे प्रमुख जलाशयों में भी पानी का अच्छा बहाव दर्ज हुआ है।

90 से ज्यादा ऐसे बांध, जो लंबे समय से सूखे पड़े थे, अब फिर से भरने लगे हैं। जयपुर संभाग के बांधों में 37.05 प्रतिशत जलस्तर दर्ज किया गया है। अगर पिछले एक दशक के आंकड़े देखें तो मानसून के दौरान पूर्वी राजस्थान में हमेशा पश्चिमी क्षेत्र से अधिक वर्षा होती रही है।

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प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 421.96 मिमी मानी जाती है। वर्ष 2019 में 747.24 मिमी की सर्वाधिक वर्षा दर्ज हुई थी, जबकि 2015 में केवल 506.28 मिमी बारिश हुई थी। बीते वर्ष 2024 में 662.87 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी।

अब मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि बंगाल की खाड़ी और पश्चिम बंगाल के आसपास बने निम्न दबाव के क्षेत्र का असर राजस्थान पर अगले सप्ताह दिखाई देगा। इसके चलते दौसा, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर सहित 27 जिलों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

जयपुर, अलवर, कोटा, अजमेर, भरतपुर और उदयपुर में भी बारिश का दौर तेज हो सकता है। प्रशासन ने भारी वर्षा की संभावना वाले इलाकों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

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