Government & Policy
छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप, NIA ने चार और लोगों पर दाखिल किया चार्जशीट
मूलवासी बचाओ मंच से जुड़े पदाधिकारियों पर माओवादियों के लिए फंड जुटाने और बांटने का आरोप
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने छत्तीसगढ़ में माओवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के मामले में चार और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। आरोपियों में सुनीता पोटम, शंकर मुचाकी, दशरथ उर्फ दसरू मोडियम (सभी मूलवासी बचाओ मंच – MBM के पदाधिकारी) और फरार आरोपी मल्लेश कुंजाम शामिल हैं।
NIA का आरोप है कि इन लोगों ने माओवादियों के लिए फंड इकट्ठा किया और उसका इस्तेमाल विरोध-प्रदर्शनों को आयोजित करने और विकास परियोजनाओं को रोकने के लिए किया।

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
- मई 2023 में मामला दर्ज हुआ था, जब MBM कार्यकर्ताओं गजेंद्र मडवी और लक्ष्मण कुंजाम से 6 लाख INR जब्त किए गए थे।
- NIA की जांच में पता चला कि यह रकम माओवादी नेताओं के निर्देश पर बैंक में जमा कराने के लिए ले जाई जा रही थी।
- नवंबर 2023 में दोनों पर चार्जशीट दाखिल की गई।
जांच का दायरा
- फरवरी 2024 में यह केस NIA को सौंपा गया।
- अगस्त 2025 में NIA ने अपनी पहली सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की, जिसमें गजेंद्र मडवी, लक्ष्मण कुंजाम और रघु मिडियामी को नामजद किया गया।
- अब तक इस केस में कुल 7 आरोपी सामने आए हैं, जिनमें से 6 गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

MBM पर बैन
मूलवासी बचाओ मंच (MBM) की स्थापना 2021 में हुई थी, जब सुकमा जिले के सिल्गेर में एक सुरक्षा कैंप का विरोध करते हुए पुलिस फायरिंग में चार ग्रामीण मारे गए थे। इसके बाद मंच ने आदिवासी अधिकारों और कथित फर्जी मुठभेड़ों जैसे मुद्दों पर प्रदर्शन करना शुरू किया।
अक्टूबर 2024 में राज्य सरकार ने MBM को छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम, 2005 के तहत अवैध संगठन घोषित कर दिया। सरकार का आरोप है कि यह संगठन माओवादियों का फ्रंट बनकर काम कर रहा था और प्रतिबंधित संगठन के लिए फंड जुटाने और प्रचार फैलाने में शामिल था।
