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Moradabad: पति की दूसरी शादी का हुआ खुलासा, पहली पत्नी के हंगामे के बाद कोर्ट में पलटा मामला!

12 साल पहले हुई पहली शादी, 5 साल पहले दूसरी पत्नी लाए घर… कोर्ट की फटकार के बाद दोनों पत्नियों ने एक साथ रहने का किया फैसला, तब जाकर मिली पति को जमानत

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Moradabad: दो पत्नियों के बीच फंसा पति, कोर्ट में हंगामे के बाद हुआ चौंकाने वाला समझौता
मुरादाबाद के कोर्ट में पहली और दूसरी पत्नी के बीच समझौता, हंगामे के बाद मिला पति को राहत

मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश – प्यार, धोखा और अदालत… मुरादाबाद के बिलारी कस्बे में मंगलवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया जिसने पूरे शहर की नजरें खींच लीं। यहां एक युवक की दूसरी शादी का भंडाफोड़ उस वक्त हुआ जब उसकी पहली पत्नी अचानक उसके किराए के मकान पर पहुंच गई और वहां उसे दूसरी पत्नी के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया।

जानकारी के मुताबिक, भदौरा गांव निवासी युवक की पहली शादी 12 साल पहले कुंदरकी थाना क्षेत्र की शेखूपुर खास निवासी युवती से हुई थी। कुछ वर्षों बाद वह रोजगार के सिलसिले में बिलारी नगर में आकर रहने लगा। यहां उसने पांच साल पहले एक दूसरी युवती से शादी कर ली, लेकिन अपनी पहली पत्नी को इस बारे में भनक तक नहीं लगने दी।

हालांकि, धीरे-धीरे पहली पत्नी को पति के व्यवहार में बदलाव नजर आने लगा। शक होने पर वह सीधे बिलारी पहुंची और जब उसने अपने पति को दूसरी महिला के साथ देखा और सामने ही उस महिला ने खुद को उसकी “सौतन” बताते हुए 5 साल पहले शादी की बात कबूली, तब पहली पत्नी का गुस्सा फूट पड़ा।

Moradabad: दो पत्नियों के बीच फंसा पति, कोर्ट में हंगामे के बाद हुआ चौंकाने वाला समझौता



स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई और मामला पुलिस तक पहुंचा। बिलारी पुलिस ने हंगामे के बाद आरोपी युवक को शांतिभंग की धारा में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।

अदालत ने सुनवाई के दौरान सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि यदि पति ने दोनों पत्नियों के साथ न्याय नहीं किया, तो उसे जेल भेजा जाएगा। यह सुनकर दोनों पत्नियों ने चौंकाने वाला निर्णय लेते हुए अदालत से कहा कि “अब हम दोनों साथ रहेंगे, हमारे पति को जेल न भेजा जाए।” इस अनोखे फैसले के बाद अदालत ने आरोपी को जमानत पर रिहा कर दिया।

इस पूरे घटनाक्रम ने बिलारी नगर में हलचल मचा दी। एक ओर पति की चालाकी की चर्चा रही तो दूसरी ओर दोनों पत्नियों के समझौते ने लोगों को चौंका दिया। कोर्ट में पहले गुस्सा और फिर मिलन का यह दृश्य आम जनता के लिए भी असाधारण था।

अब सवाल यह है कि क्या समाज ऐसी स्थितियों को सामान्य रूप से स्वीकार करने लगेगा या यह केवल न्यायालय की संवेदनशीलता का उदाहरण था? जो भी हो, मुरादाबाद की यह कहानी सोशल मीडिया से लेकर चाय की दुकानों तक चर्चा में है।

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