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मिर्जापुर में दर्दनाक रेल हादसा: ट्रेन की चपेट में आईं छह महिलाएं, मौके पर ही मौत

चुनार रेलवे स्टेशन पर हुआ बड़ा हादसा, कलका एक्सप्रेस की चपेट में आने से मची अफरातफरी — मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक

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Mirzapur Train Accident: Six Women Killed After Being Hit by Kalka Express | Dainik Diary
मिर्जापुर के चुनार रेलवे स्टेशन पर हुआ दर्दनाक हादसा, छह महिलाओं की मौके पर मौत — मौके पर पहुंचे राहत दल।

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर ज़िले में बुधवार की सुबह एक हृदयविदारक हादसा हुआ। चुनार रेलवे स्टेशन पर प्लेटफ़ॉर्म पार करने के दौरान छह महिलाओं की ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई। यह हादसा सुबह लगभग 9:30 बजे हुआ जब चोपन-प्रयागराज पैसेंजर ट्रेन स्टेशन पर रुकी थी और महिलाएँ गलत दिशा से उतरकर प्लेटफ़ॉर्म पार करने की कोशिश कर रही थीं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिलाएँ जिस ओर से उतरीं वह मुख्य प्लेटफ़ॉर्म के विपरीत दिशा थी। वे पटरियाँ पार कर मुख्य प्लेटफ़ॉर्म की ओर बढ़ रही थीं, तभी तेज़ रफ़्तार से आ रही कalka Express ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। हादसा इतना भयावह था कि सभी छह महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई।

रेलवे और स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुँची और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। यात्रियों में भय और आक्रोश दोनों देखा गया। अधिकारियों ने बताया कि सभी मृतकों की पहचान कर ली गई है और वे मिर्जापुर ज़िले की ही रहने वाली थीं।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (रेलवे) प्रकाश डी. ने जानकारी दी कि शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और घटना की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक

हादसे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत और बचाव कार्य में कोई ढिलाई नहीं बरती जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिया कि एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तुरंत मौके पर पहुँचकर राहत कार्य में जुटें।

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योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा:

“मिर्जापुर रेल हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि सभी घायलों का समुचित उपचार सुनिश्चित किया जाए।”

हादसे ने उठाए सुरक्षा पर सवाल

यह हादसा एक बार फिर रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अक्सर छोटे स्टेशनों पर यात्रियों द्वारा विपरीत दिशा से उतरने या पटरियाँ पार करने की घटनाएँ देखने को मिलती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि रेलवे को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान और बुनियादी ढांचे में सुधार पर ज़ोर देना चाहिए।

स्थानीय लोगों ने स्टेशन पर फुटओवर ब्रिज की कमी और सुरक्षा कर्मियों की लापरवाही पर भी सवाल उठाए हैं। कई यात्रियों ने कहा कि यदि प्लेटफ़ॉर्म पर सही दिशा में मार्गदर्शन और चेतावनी संकेत मौजूद होते, तो यह हादसा टाला जा सकता था।

रेलवे प्रशासन ने कहा है कि वह घटना की गहन जांच कर रहा है और भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

परिवारों में मातम

मिर्जापुर की गलियों में शोक का माहौल है। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। प्रशासन की ओर से प्रत्येक परिवार को राहत राशि प्रदान किए जाने की घोषणा भी जल्द की जा सकती है।

यह हादसा एक बार फिर याद दिलाता है कि एक छोटी सी चूक कितनी बड़ी त्रासदी बन सकती है। यात्रियों से अपील की जा रही है कि वे रेलवे सुरक्षा नियमों का पालन करें और प्लेटफ़ॉर्म पार करते समय सतर्कता बरतें।

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