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93 साल में पहली बार इंग्लैंड में भारतीय बल्लेबाज़ों ने रचा इतिहास, रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन से चौंकाया
शुभमन गिल से लेकर ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा तक चार भारतीय बल्लेबाज़ों ने एक ही टेस्ट सीरीज़ में 400+ रन बनाकर रचा इतिहास

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब चार बल्लेबाज़ों ने एक ही टेस्ट सीरीज़ में इंग्लैंड की धरती पर 400 से ज़्यादा रन बनाए हैं। यह कारनामा उस टीम ने किया जिसकी टेस्ट शुरुआत 1932 में हुई थी। 93 वर्षों में कभी नहीं देखा गया ऐसा बल्लेबाज़ी का तूफान, जिसे अब अंग्रेज़ भी सलाम कर रहे हैं।
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शुभमन गिल ने इस सीरीज़ को लीड्स में शतक से शुरू किया, बर्मिंघम में दोहरा शतक जड़ा और फिर एक और शतक ठोक डाला। लॉर्ड्स में भले ही उन्हें संघर्ष करना पड़ा, लेकिन मैनचेस्टर में उन्होंने दूसरी पारी में धमाकेदार वापसी की। कुल मिलाकर, ‘पंजाब का प्रिंस’ इस सीरीज़ में अब तक 722 रन बना चुके हैं और सबसे ऊपर हैं।
दूसरे नंबर पर केएल राहुल हैं जिन्होंने इस दौरे की शुरुआत इंडिया ए के लिए अभ्यास मैच से की थी। उन्होंने अब तक दो शतक और दो अर्धशतक जमाए हैं। 998 गेंदों का सामना कर चुके यह ‘लखनऊ सुपरजाएंट्स’ के कप्तान इंग्लैंड के गेंदबाज़ों के लिए दीवार साबित हुए हैं।

ऋषभ पंत, जो इस समय उप-कप्तान की भूमिका निभा रहे हैं, उन्होंने लीड्स में लगातार दोनों पारियों में शतक जमाकर सबका ध्यान खींचा। इसके बाद के दो मैचों में उन्होंने अर्धशतक भी जमाए। अंगुली और टखने की चोट से जूझते हुए भी पंत ने 479 रन बनाए हैं। हालांकि, ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट के बाद वह स्वदेश लौटेंगे।
रवींद्र जडेजा, जिन्हें अब सिर्फ ऑलराउंडर नहीं बल्कि ‘बैटिंग स्टार’ कहना ज़्यादा सही होगा, उन्होंने भी कई बार टीम को मुश्किल से निकाला। उनके स्कोर – 11, 25*, 89, 69*, 72, 61*, 20 – इस बात का गवाह हैं कि जब टॉप ऑर्डर लड़खड़ाया, तब ‘राजकोट रॉकस्टार’ ने टीम को संभाला।
दिलचस्प बात यह है कि इस रिकॉर्ड में अब तक सिर्फ एक ही इंग्लिश बल्लेबाज़, जेमी स्मिथ (424 रन), टॉप पांच में शामिल हैं। बाकी सभी भारतीय हैं। यशस्वी जायसवाल अगर पांचवें टेस्ट में बड़ा स्कोर कर पाते हैं (वे फिलहाल 291 रन पर हैं), तो यह आंकड़ा और भी ऐतिहासिक हो सकता है।
हालांकि भारतीय बल्लेबाज़ी में इस कदर दबदबा होने के बावजूद टीम इंडिया पांच मैचों की सीरीज़ में 1-2 से पीछे चल रही है। यह दिखाता है कि केवल रन बनाना ही नहीं, बल्कि उन्हें मैच में बदलना भी उतना ही अहम है।
इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने भारतीय क्रिकेट को एक नई ऊंचाई दी है। यह साबित करता है कि अब भारतीय बल्लेबाज़ इंग्लैंड जैसी कठिन परिस्थितियों में भी टिक सकते हैं, रन बना सकते हैं और रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
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