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धर्मेंद्र की जीवनी: शिक्षा, करियर, नेट वर्थ और अवॉर्ड्स — “ही-मैन” बनने तक का प्रेरक सफर
पंजाब के छोटे से गाँव से लेकर बॉलीवुड के “ही-मैन” बनने तक, धर्मेंद्र की ज़िंदगी मेहनत, जुनून और अद्भुत सफलता की कहानी है — जानिए उनकी शिक्षा, करियर, अवॉर्ड्स और नेट वर्थ के बारे में विस्तार से।
शुरुआती जीवन और शिक्षा
धर्मेंद्र सिंह देओल का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के सहनेवाल गाँव में एक पारंपरिक जाट सिख परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लालटन कलां से की और बाद में रामगढ़िया कॉलेज, फगवाड़ा से इंटरमीडिएट पूरा किया।
धर्मेंद्र की औपचारिक शिक्षा बारहवीं कक्षा तक ही रही, लेकिन अभिनय के प्रति उनके जुनून ने उन्हें बॉलीवुड तक पहुंचा दिया। सीमित शिक्षा के बावजूद, उन्होंने जो मुकाम हासिल किया, वह लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है।
फिल्मी करियर: रोमांटिक हीरो से एक्शन स्टार तक का सफर
धर्मेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत 1960 में फिल्म “दिल भी तेरा हम भी तेरे” से की। हालांकि उन्हें असली पहचान 1966 की सुपरहिट फिल्म “फूल और पत्थर” से मिली, जिसमें उन्होंने अपनी दमदार स्क्रीन प्रेजेंस से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

शुरुआत में धर्मेंद्र को एक रोमांटिक हीरो के रूप में देखा जाता था, लेकिन उनकी लंबी कद-काठी, रफ एंड हैंडसम लुक, और नेचुरल अभिनय क्षमता ने उन्हें जल्द ही एक्शन हीरो के रूप में स्थापित कर दिया।
1970 और 1980 के दशक में धर्मेंद्र ने शोले (1975), “मेरा गाँव मेरा देश” (1971), “रखवाला” (1971), “जुगनू” (1973) जैसी फिल्मों से दर्शकों के दिलों पर राज किया।
“शोले” में उनके किरदार वीरू को आज भी भारतीय सिनेमा का सबसे यादगार किरदार माना जाता है। उन्होंने रोमांस और एक्शन का ऐसा मिश्रण पेश किया जिसने उन्हें “बॉलीवुड का ही-मैन” बना दिया।
उनके शानदार अभिनय ने उन्हें चार बार फिल्मफेयर अवॉर्ड्स में बेस्ट एक्टर के लिए नामांकित किया। धर्मेंद्र ने न सिर्फ एक्टिंग में बल्कि फिल्म प्रोडक्शन और वितरण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।
पुरस्कार और सम्मान
धर्मेंद्र के भारतीय सिनेमा में योगदान को अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया —
- फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड (1997) — बॉलीवुड के प्रति उनके समर्पण और योगदान के लिए।
- राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (1990) — उनके उत्कृष्ट अभिनय के लिए।
- पद्म भूषण (2012) — कला और सिनेमा के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा सम्मानित।
- बाबासाहेब आंबेडकर नोबेल अवॉर्ड (2017) — भारतीय समाज और सिनेमा में उनके प्रभाव को मान्यता देने हेतु।
ये सभी सम्मान इस बात के प्रतीक हैं कि धर्मेंद्र केवल एक अभिनेता नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा की आत्मा का हिस्सा हैं।

नेट वर्थ और आर्थिक सफलता
धर्मेंद्र की लोकप्रियता केवल पर्दे तक सीमित नहीं रही, उन्होंने अपने करियर में कई बिजनेस वेंचर, प्रोडक्शन हाउस और निवेश के ज़रिए भी बड़ी सफलता हासिल की।
उनकी अनुमानित नेट वर्थ 60 से 70 मिलियन डॉलर (लगभग 500 से 535 करोड़ INR) है।
वह अपने समय के सबसे अधिक भुगतान पाने वाले अभिनेताओं में से एक रहे हैं।
फिल्मों, ब्रांड एंडोर्समेंट और प्रोडक्शन से होने वाली कमाई ने उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे धनी और सम्मानित कलाकारों में शामिल किया है।
धर्मेंद्र: मेहनत और विनम्रता का प्रतीक
धर्मेंद्र की कहानी उस युवक की कहानी है जिसने पंजाब के छोटे से गाँव से निकलकर पूरे भारत के दिलों पर राज किया। उनकी शिक्षा भले सीमित रही हो, लेकिन उनका जुनून, मेहनत और लगन उन्हें बॉलीवुड के आइकॉनिक हीरो में बदल गई।
उनकी गिनती अब भी उन दिग्गजों में होती है जिन्होंने रोमांस, एक्शन और ड्रामा — हर शैली में अपनी छाप छोड़ी।
धर्मेंद्र आज भी भारतीय सिनेमा के लिए प्रेरणा हैं — एक ऐसे स्टार जो सिर्फ फिल्मों में ही नहीं, बल्कि लाखों दिलों में बसते हैं।
धर्मेंद्र् की तबीयत को लेकर चिंता
अभिनेता धर्मेंद्र को लंबे समय से मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिवार के मुताबिक, अभिनेता की सेहत में अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और डॉक्टरों की टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है। प्रशंसक उनके जल्द स्वस्थ होने की दुआएं कर रहे हैं।
