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दीवाली से पहले राजधानी की हवा बोझिल — दिल्ली का AQI ‘Poor’ श्रेणी में पहुँचा
124 दिन की स्वच्छ हवा का दौर टूटा, 14 से 16 अक्टूबर तक ‘Poor’ और उसके बाद ‘Very Poor’ की संभावना — विशेषज्ञों की चेतावनी

दीवाली के आस-पास दिल्लीवासियों को फिर से वह पुरानी चिंता सताने लगी है — सांस लेने की हवा में घुलती धूल और जहर। इस सप्ताह राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 201 तक पहुँच गया है, जिससे हवा ‘Poor’ श्रेणी में आ गई है। यह जून 11 के बाद पहली बार है कि AQI इतनी खराब स्थिति में आया है।
1. स्वच्छ हवा का दौर टूटा
दिल्ली को 124 दिन तक अपेक्षाकृत स्वच्छ हवा मिली रही — जिसमें 77 दिन “satisfactory” और 47 दिन “moderate” श्रेणी में थे। लेकिन अब इस अवधि को विराम लगने वाला है, क्योंकि मौसम का बदलाव, ठंडी हवाएँ और वायु चक्र की कमी ने पहले ही संकेत दे दिए थे।
2. आने वाले दिनों में और बिगड़ने की आशंका
केंद्रीय वायु गुणवत्ता Early Warning System (EWS) की भविष्यवाणी के अनुसार, 14 से 16 अक्टूबर तक हवा “Poor” श्रेणी में बनी रहने की उम्मीद है। उसके बाद अगले छह दिनों के लिए “Poor” से “Very Poor” की श्रेणी संभावित है।

विशेष रूप से, सोमवार को सुबह 9 बजे दिल्ली का AQI 169 (moderate) दर्ज हुआ, और शाम 4 बजे 24-घंटे औसत AQI 189 हो गया — यह रविवार के 167 से 22 अंक अधिक है।
3. प्रदूषण के स्रोत: पराली से कम, अन्य कारकों का प्रभाव अधिक
वायुमंडलीय विशेषज्ञों के अनुसार, इस वक्त पराली जलाने का योगदान अपेक्षाकृत कम है। Decision Support System (DSS) के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को दिल्ली में PM2.5 प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान मात्र 0.62% था, जबकि पिछले दिन यह केवल 0.24% था।
असल में प्रदूषण के बड़े स्रोतों में वाहन उत्सर्जन, निर्माण-धूल, औद्योगिक उत्सर्जन और पड़ोसी राज्यों से उड़ने वाले प्रदूषक शामिल हैं।
मौसम संबंधी कारक भी हवा की गुणवत्ता बिगाड़ने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। हवा की रफ्तार सोमवार को 6–10 किमी/घंटा के बीच थी, और दिशा पश्चिम से उत्तर-पश्चिम बनी हुई थी — यह स्थिति अधिकांश प्रदूषक कणों को वायुमंडल में फंसा सकती है।
4. सरकार की पहल और ज़रूरत
इस बीच दिल्ली सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए दक्षिणी रिज (Southern Ridge) की 41 किलोमीटर क्षेत्र को “Reserved Forest” घोषित करने की घोषणा की है। इससे राजधानी की हरित आवरण बढ़ेगी और दीर्घकालिक रूप से हवा की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस कदम को प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संतुलन को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया है।
5. दिल्लीवासियों के लिए सुझाव
- बाहर निकलना हो तो मास्क — विशेषकर N95 या पीएम2.5 फिल्टर वाले मास्क — जरूर पहनें।
- वायु प्रदूषण से प्रभावित लोग जैसे कि बच्चे, बुजुर्ग और श्वसन सम्बन्धी रोगी — घर में रहें और व्यायाम, योग बाहर न करें।
- रात के समय जब वायु गति और तापमान में उलटफेर होता है, बाहर जाने से बचें।
- यदि संभव हो तो इलेक्ट्रिक वाहन या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
- लोगों से अपील करें कि दिवाली पर पटाखों का उपयोग कम करें या हरी (कम प्रदूषण उत्पन्न करने वाली) पटाखों को अपनाएँ।
दिल्ली की यह स्थिति याद दिलाती है कि प्रदूषण केवल त्योहारों तक सीमित नहीं है — यह एक दीर्घकालिक समस्या है, जिसे छोटे कदमों और सामूहिक प्रयासों से ही नियंत्रित किया जा सकता है।