Politics
बिहार में नया सितारा उभरा : Chirag Paswan ने बदली राजनीति की हवा, पिता Ram Vilas के कद को छूने की तैयारी
BJP के ‘हनुमान’ बने Chirag, विरोध और बगावत झेलकर भी बने इस चुनाव के सबसे बड़े विजेता
बिहार की राजनीति में आज जिस नाम की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, वह है Chirag Paswan।
कभी पार्टी में बगावत का सामना करने वाले, कभी “एकला चलो” की राह पर चलने को मजबूर किए गए Chirag ने इस चुनाव में ऐसा कमाल दिखाया कि पुराने समीकरण ही बदल गए।
लोग कह रहे हैं—
“सच में… एक नया सितारा जन्म ले चुका है।”
वो पलटवार जिसने इतिहास लिख दिया
जब NDA ने LJP (RV) को 29 सीटें दीं, कई नेताओं ने भौंहें उठाईं।
किसी को लगा यह जोखिम है, किसी ने कहा LJP इतनी सीटें संभाल नहीं पाएगी।
लेकिन नतीजों ने दिखाया—
Chirag Paswan ने हर शक को गलत साबित कर दिया।
मतगणना के रुझानों में LJP (RV) उन सीटों पर आगे बढ़ती दिखी, जहाँ पहले उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जाता था।
चिराग ने खुद को पिता Ram Vilas Paswan की विरासत का सही उत्तराधिकारी साबित कर दिया।
“BJP के हनुमान” बनकर मिला भरोसा
Chirag ने चुनाव के दौरान खुलकर कहा था—
“मैं प्रधानमंत्री Narendra Modi का हनुमान हूँ।”
इस बयान ने बिहार की राजनीति में तहलका मचा दिया था।
लेकिन सबसे बड़ी बात—
NDA के मतदाता इस बयान को सिर्फ स्लोगन नहीं, एक भरोसे के रूप में लेने लगे।
BJP का कोर वोट और पासवान समाज का परंपरागत समर्थन—
दोनों ने मिलकर LJP (RV) को इस चुनाव में आकाश पर पहुँचा दिया।

43 की उम्र में युवा चेहरा, नयी उम्मीद
बिहार की राजनीति में युवा चेहरों की कमी हमेशा रही।
ऐसे में 43 वर्ष के Chirag Paswan ने अपने आक्रामक लेकिन सलीकेदार शैली से युवाओं को तेजी से जोड़ा।
कई इलाकों में युवाओं ने कहा—
“चिराग साफ बोलता है, सीधा बोलता है… और बिहार को बदलने की बात करता है।”
Yuva वोटर, खासकर शहरी क्षेत्रों में, LJP (RV) का सबसे बड़ा इंजन बन गया।
पिता Ram Vilas का आशीर्वाद या रणनीति का कमाल?
कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह जीत सिर्फ भावनाओं की देन नहीं है।
यह एक पॉलिटिकल मास्टरक्लास है—
- NDA के साथ मजबूत गठबंधन
- रणनीतिक बयानबाज़ी
- युवाओं पर फोकस
- सीटों का सटीक चयन
लोगों में अब यह चर्चा भी जोर पकड़ रही है—
“क्या Chirag Paswan अपने पिता Ram Vilas के उस राजनीतिक कद को हासिल कर लेंगे जो बिहार की राजनीति में मिसाल माना जाता था?”
बगावत, टूट, अपमान… सबके बाद भी वापसी
कुछ ही साल पहले तक चिराग के खिलाफ पार्टी में बगावत हो रही थी।
लोग मान रहे थे कि LJP खत्म हो चुकी है।
लेकिन चिराग ने हार नहीं मानी—
- अपनी पार्टी को नए सिरे से खड़ा किया
- युवा कैडर पर भरोसा किया
- NDA के बड़े फ्रेम में खुद को फिट किया
आज वही चिराग बिहार के राजनीतिक आसमान का चमकदार सितारा बन चुके हैं।
बिहार की राजनीति में नया अध्याय?
इस चुनाव के बाद कई बड़े नेता खुलेआम मान रहे हैं—
“Chirag का समय शुरू हो चुका है।”
आने वाला समय बताएगा कि यह शुरुआत है या एक लंबी राजनीतिक यात्रा का मजबूत पहला कदम।
लेकिन इतना तय है—
बिहार में अब बिना Chirag Paswan के राजनीति की कोई भी पिच पूरी नहीं होगी।
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