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बेंगलुरु ट्रैफिक कॉप का बाइक सवार को थप्पड़ मारने का वीडियो वायरल – भारी विरोध के बीच अधिकारी सस्पेंड
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ वीडियो, जनता ने उठाए सवाल – “आम नागरिक मारे तो जेल, पुलिस मारे तो सस्पेंशन क्यों?”

बेंगलुरु से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया है। वीडियो में एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी को बाइक सवार को थप्पड़ मारते हुए देखा जा सकता है। यह घटना शहर के एक अज्ञात इलाके की बताई जा रही है। वीडियो वायरल होते ही पुलिस विभाग पर ‘पुलिस जवाबदेही’ को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ गई है।
वायरल वीडियो में क्या है?
वीडियो को एक राहगीर ने मोबाइल फोन से शूट किया था। इसमें साफ दिखाई देता है कि एक ट्रैफिक कॉप बाइक सवार के साथ बहस कर रहा है और अचानक उसे जोरदार थप्पड़ मार देता है। घटना के दौरान राहगीरों की भीड़ जमा हो जाती है। हालांकि वीडियो से यह साफ नहीं हो पाया कि विवाद की असली वजह क्या थी।
DCP ने दी कार्रवाई की जानकारी
विवाद बढ़ने के बाद डीसीपी (साउथ ट्रैफिक) ने X (पूर्व में ट्विटर) पर बयान जारी किया –
“Accountability and respect go hand-in-hand. Action taken against staff for misbehavior.”
(“जवाबदेही और सम्मान साथ-साथ चलते हैं। दुर्व्यवहार करने वाले स्टाफ पर कार्रवाई की गई है।”)
उन्होंने पुष्टि की कि संबंधित ट्रैफिक पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है और मामले की जांच जारी है।
जनता का गुस्सा – “सस्पेंशन नहीं, केस होना चाहिए”
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
एक यूज़र ने लिखा –
“सस्पेंड? उस पर आपराधिक मामला चलना चाहिए। अगर कोई आम नागरिक पुलिस को थप्पड़ मारे तो सीधा जेल भेज दिया जाता है, तो पुलिस पर अलग नियम क्यों?”
दूसरे ने लिखा –
“उसी हिम्मत से ऑटो, ट्रक और टैंकर चालकों पर भी कार्रवाई करो जो पीक ऑवर में गलत दिशा से आते हैं।”
“थग इन यूनिफॉर्म” – सोशल मीडिया पर बढ़ा गुस्सा
कई लोगों ने पुलिस के इस व्यवहार को ‘Thuggery in Uniform’ (वर्दी में गुंडागर्दी) बताया।
एक उपयोगकर्ता पी.सी. मल्लिकार्जुन ने लिखा –
“ट्रैफिक रूल तोड़ने पर नागरिक को थप्पड़? यह पुलिसिंग नहीं, गुंडागर्दी है! सस्पेंड नहीं, तुरंत बर्खास्त करो।”
कुछ लोगों ने बॉडीकैम्स (Bodycams) की अनिवार्यता की मांग की ताकि ऐसे मामलों में सबूत मिल सकें।

अन्य घटनाओं का भी जिक्र
एक अन्य यूज़र ने लिखा –
“आज मराठाहल्ली ब्रिज पर एक महिला ट्रैफिक कॉप को देखा जो एक बाइक सवार को लगभग गिरा ही रही थी। थप्पड़ तो नहीं मारा, लेकिन रवैया वैसा ही था।”
इस टिप्पणी ने साफ कर दिया कि आक्रामक पुलिसिंग बेंगलुरु में कोई नई बात नहीं है।
क्या कहता है यह घटना?
यह घटना सिर्फ एक थप्पड़ से आगे की बात है। यह पुलिस प्रशिक्षण, संवेदनशीलता और जवाबदेही जैसे मुद्दों पर सवाल उठाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रैफिक प्रबंधन के दौरान पुलिसकर्मियों को न सिर्फ सख्त बल्कि शालीन और संयमित रहना चाहिए।
पुलिस विभाग ने कहा है कि जांच पूरी होने तक संबंधित अधिकारी को लाइन हाजिर रखा जाएगा और भविष्य में बॉडीकैम उपयोग को लेकर नई नीति पर काम किया जाएगा।