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आज तक की एंकर अंजना ओम कश्यप और अरोण पुरी पर वाल्मीकि समुदाय की भावनाएं आहत करने का आरोप

अंजना ओम कश्यप और अरोण पुरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज, वाल्मीकि संत पर विवादास्पद टिप्पणी को लेकर हुई शिकायत।

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अंजना ओम कश्यप और अरोण पुरी पर वाल्मीकि संत के अपमान के आरोप, एफआईआर दर्ज।

लुधियाना:
टीवी चैनल आज तक की एंकर और पत्रकार अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरोण पुरी पर वाल्मीकि समुदाय की भावनाएं आहत करने का आरोप लगा है। यह मामला लुधियाना पुलिस तक पहुंचा और एक एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज की गई है।

यह शिकायत भारतिय वाल्मीकि धर्म समाज (BHAVADHAS) के राष्ट्रीय समन्वयक चौधरी यशपाल द्वारा की गई थी, जिन्होंने कहा कि अंजना ओम कश्यप ने अपने शो में वाल्मीकि संत पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। यशपाल ने कहा,

“हम कश्यप की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हैं और उन्हें संत वाल्मीकि के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।”

क्या था विवाद?

चौधरी यशपाल के अनुसार, अंजना ओम कश्यप ने अपने शो में वाल्मीकि संत के बारे में अपमानजनक टिप्पणियां की, जो भारत के Dalit समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करती हैं।
इस विवाद के बाद, पुलिस ने अंजना ओम कश्यप, अरोण पुरी और इंडिया टुडे ग्रुप के खिलाफ एफआईआर दर्ज की

विजय दानव, जो आम आदमी पार्टी (AAP) के सदस्य भी हैं और पंजाब सरकार के दलित विकास बोर्ड के अध्यक्ष हैं, ने कहा,

“हमें कश्यप की तत्काल गिरफ्तारी चाहिए, क्योंकि उन्होंने वाल्मीकि जी का अपमान किया है और हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।”

एफआईआर और कानूनी कार्रवाई

एफआईआर धारा 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) और SC/ST (अत्याचार निवारण अधिनियम) की धारा 3(1)(v) के तहत दर्ज की गई है।
लुधियाना पुलिस के इंस्पेक्टर गगनप्रीत सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच DSP-rank अधिकारी को सौपी जाएगी। यह केस अब लुधियाना पुलिस कमिश्नर के दफ्तर भेजा गया है।

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पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा ने कहा,

“एफआईआर दर्ज करने से पहले कानूनी राय ली गई थी। कई दलित/SC संगठन भी शिकायतकर्ता थे, जिन्होंने यह दावा किया कि एंकर की भाषा और शब्द अत्यंत अपमानजनक थे। जांच अभी जारी है।”

अंजना ओम कश्यप का बयान

इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए अंजना ओम कश्यप ने एक बयान में कहा,

“टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड एफआईआर में लगे आरोपों का पूरी तरह से खंडन करता है। जिस कार्यक्रम को लेकर यह विवाद हुआ है, वह सम्मानजनक और संतुलित था, जो पत्रकारिता की सभी नैतिकताओं का पालन करता था। हम यह समझ नहीं पा रहे हैं कि इस कार्यक्रम के किसी भी हिस्से से कैसे किसी की भावनाएं आहत हो सकती हैं।”

अंजना ने आगे कहा,

“कुछ चयनित और भ्रामक क्लिप्स ऑनलाइन फैलाए गए हैं, जो कार्यक्रम की सामग्री और उद्देश्य को गलत तरीके से पेश करते हैं। इन्हें तुरंत हटाया जाना चाहिए। हम अदालत में जाएंगे और इस गलत आरोप के खिलाफ कानूनी सुरक्षा प्राप्त करेंगे।”

वाल्मीकि समुदाय की प्रतिक्रिया

वाल्मीकि समुदाय और दलित संगठनों ने इस मुद्दे पर गंभीर आपत्ति जताई है और कश्यप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
यह मामला एक बड़े विवाद में बदलता जा रहा है, और आने वाले दिनों में इससे संबंधित अधिक घटनाक्रम सामने आ सकते हैं।
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