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अमेज़न में 30 हजार कर्मचारियों की छंटनी से मचा हड़कंप, लोग बोले – “ये तो ग्रेट डिप्रेशन की झलक है”
ई-कॉमर्स दिग्गज Amazon ने अपने 10% कॉर्पोरेट कर्मचारियों को निकालने का ऐलान किया है। एंडी जेसी की यह सबसे बड़ी छंटनी बताई जा रही है, जिसने सोशल मीडिया पर गुस्सा भड़का दिया है।
दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेज़न (Amazon) ने एक बार फिर बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया है। कंपनी करीब 30,000 कॉर्पोरेट कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रही है — जो कि इसके कुल 3.5 लाख कॉर्पोरेट स्टाफ का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा है।
यह अमेज़न की अब तक की सबसे बड़ी छंटनी मानी जा रही है, जो 2022 के अंत में हुई कटौती से भी बड़ी बताई जा रही है। इस फैसले ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है और कई लोगों ने इसे “Great Depression की झलक” तक कह डाला।
क्यों हो रही है इतनी बड़ी छंटनी?
कंपनी के CEO एंडी जेसी (Andy Jassy) ने इसे “संरचनात्मक सुधार” और “ऑपरेशनल एफिशिएंसी” बढ़ाने की दिशा में उठाया गया कदम बताया। उन्होंने कहा कि अमेज़न अब Artificial Intelligence और Automation का ज़्यादा इस्तेमाल करेगा ताकि लागत घटाई जा सके और उत्पादकता बढ़े।
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छंटनी का असर मुख्य रूप से इन विभागों पर पड़ेगा:
- People Experience & Technology (Human Resources)
- Devices & Services (Alexa, Echo आदि)
- Operations और Corporate Management
जेसी ने अपने आंतरिक ईमेल में कहा, “हम भविष्य की दिशा में निवेश जारी रखेंगे, लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि हम संसाधनों का कुशल उपयोग करें।”
सोशल मीडिया पर ‘भूचाल’
अमेज़न के इस फैसले ने सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया पैदा की है। X (Twitter) और LinkedIn पर लोग इसे “कॉर्पोरेट दुनिया का काला दिन” बता रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा – “Amazon firing 30,000 employees while preaching about AI efficiency feels like déjà vu from the Great Depression.”
वहीं एक अन्य ने कहा – “AI is not replacing inefficiency, it’s replacing humanity.”
हजारों कर्मचारियों ने LinkedIn पर पोस्ट शेयर कर अपनी नौकरी खोने की पीड़ा जाहिर की है। कई लोगों ने लिखा कि उन्होंने अमेज़न के लिए सालों तक काम किया, लेकिन उन्हें एक ईमेल के ज़रिए निकाल दिया गया।

‘AI बनाम इंसान’ की बहस तेज
इस छंटनी ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है — क्या Artificial Intelligence इंसानों की नौकरियां निगल रही है?
टेक एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंपनियां अब तेजी से AI tools पर निर्भर हो रही हैं, जिससे मिड-लेवल कॉर्पोरेट नौकरियों का अस्तित्व खतरे में है।
एलन मस्क ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि “AI जल्द ही हर सेक्टर को रीसेट करेगा, और जो कंपनियां इसके साथ नहीं चलेंगी, वे मिट जाएंगी।” अमेज़न की यह छंटनी उसी दिशा में उठाया गया बड़ा कदम मानी जा रही है।
कर्मचारी बोले – “कॉस्ट कटिंग के नाम पर बेरहमी”
कई कर्मचारियों का कहना है कि अमेज़न में पहले से ही “लॉन्ग आवर्स, हाई टारगेट और स्ट्रेसफुल वर्क एनवायरनमेंट” जैसी समस्याएं थीं, और अब छंटनी ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।
एक पूर्व अमेज़न इंजीनियर ने लिखा – “हमने कोविड में कंपनी को संभाला, लेकिन अब वही कंपनी हमें संभाल नहीं पा रही।”
कई यूजर्स ने इस फैसले को 2022 की छंटनी लहर की याद दिलाई, जब Meta, Google, और Microsoft ने भी हजारों कर्मचारियों को निकाला था।
निवेशकों की नज़र मुनाफे पर
वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि अमेज़न का यह कदम उसके शेयरधारकों को संतुष्ट करने के लिए है। बढ़ते खर्च और घटती लाभ दर के बीच कंपनी अपने वित्तीय ग्राफ को सुधारना चाहती है।
हालांकि, इस कदम से कर्मचारियों का भरोसा और कंपनी की “मानवता की छवि” को झटका लगा है। टेक इंडस्ट्री के कई दिग्गजों ने कहा है कि “AI को अपनाना जरूरी है, लेकिन इंसानों को ठुकराना नहीं।”
क्या आने वाले समय में और छंटनी होगी?
अमेज़न ने अभी तक यह नहीं बताया कि यह छंटनी एक बार की प्रक्रिया है या कई चरणों में होगी।
टेक जगत में चर्चा है कि आने वाले महीनों में Google और Meta जैसी अन्य कंपनियां भी “AI Optimization” के नाम पर कर्मचारियों में कटौती कर सकती हैं।
निष्कर्ष
अमेज़न की यह छंटनी सिर्फ एक कंपनी का फैसला नहीं, बल्कि यह दुनिया भर में बदलती कॉर्पोरेट मानसिकता और AI-प्रधान भविष्य का संकेत है।
जहां एक ओर तकनीक इंसानों का काम आसान बना रही है, वहीं दूसरी ओर यह उनके अस्तित्व पर ही सवाल उठा रही है।
