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AIMIM को खरगोन में बड़ा झटका पार्टी की एकमात्र हिंदू पार्षद अरुणा उपाध्याय ने दिया इस्तीफा

अरुणा उपाध्याय ने ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम से पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया, पति ने लगाया मतांतरण का दबाव बनाने और छवि खराब करने का आरोप, खुद किया इनकार।

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AIMIM’s Only Hindu Councillor Aruna Upadhyay Resigns in Khargone, MP; Cites Family Dispute
खरगोन नगर निकाय की AIMIM पार्षद अरुणा उपाध्याय का इस्तीफा, पति के गंभीर आरोपों से गरमाई राजनीति

मध्य प्रदेश के खरगोन नगर निकाय में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। पार्टी की एकमात्र हिंदू महिला पार्षद अरुणा उपाध्याय ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना त्यागपत्र AIMIM के हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय कार्यालय में भेजा है, जिसमें उन्होंने पारिवारिक और निजी कारणों का हवाला दिया है।

अरुणा उपाध्याय ने वर्ष 2022 में नगर निकाय चुनाव में खरगोन के वार्ड नंबर दो से AIMIM के टिकट पर जीत हासिल की थी, और तब से ही वे चर्चा में रही हैं। पार्टी में उनकी मौजूदगी को ओवैसी के ‘समावेशी राजनीति’ के मॉडल का उदाहरण बताया गया था, लेकिन अब उनका इस्तीफा इस रणनीति पर सवाल खड़े कर रहा है।

पति के गंभीर आरोप, अरुणा का पलटवार

इस पूरे मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब अरुणा के पति श्यामलाल उपाध्याय ने उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने और लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि अरुणा की गतिविधियां ‘असामाजिक’ हैं और उनका मकसद हिंदू समाज को गुमराह करना है।

हालांकि अरुणा उपाध्याय ने इन आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा, “मुझ पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे मेरे राजनीतिक जुड़ाव के कारण हैं। कुछ लोग मेरी छवि खराब करने की साजिश रच रहे हैं, जिनमें मेरे पति भी शामिल हैं। धर्मांतरण या किसी तरह की धार्मिक उन्माद फैलाने से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।”

धमकी और उत्पीड़न के आरोप

अरुणा ने 15 दिन पहले पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीना को एक लिखित आवेदन दिया था, जिसमें उन्होंने अपने पति पर जान से मारने की धमकी देने और नगरपालिका में उनके काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया था। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। अब सवाल यह है कि क्या यह केवल पारिवारिक विवाद है या फिर इसके पीछे कोई राजनीतिक साजिश है?

AIMIM की रणनीति पर असर

AIMIM ने मध्य प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में धीरे-धीरे विस्तार करने की कोशिश की है। अरुणा उपाध्याय का पार्टी में शामिल होना इस प्रयोग का एक प्रतीकात्मक और रणनीतिक पहलू माना गया था। हिंदू महिला को पार्टी का चेहरा बनाकर AIMIM ने ‘विविधता’ का संदेश देने की कोशिश की थी, लेकिन अब उनका इस्तीफा इस रणनीति पर पानी फेरता दिख रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अरुणा का इस्तीफा पार्टी की स्थानीय साख पर असर डाल सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां AIMIM सामाजिक और धार्मिक समरसता के नाम पर जनाधार बनाने की कोशिश कर रही है।

सोशल मीडिया पर चर्चा तेज

जैसे ही अरुणा उपाध्याय का इस्तीफा और उनके पति के आरोप सार्वजनिक हुए, सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोग इसे ‘राजनीतिक स्टंट’ बता रहे हैं, तो कई यूज़र्स ने AIMIM की विचारधारा और धर्म आधारित राजनीति पर सवाल उठाए हैं।

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