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बिहार में ताबड़तोड़ सभाएं करेंगे पीएम मोदी, क्या 2025 चुनाव में NDA को फिर दिलाएंगे बहुमत?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के सभी 9 प्रमंडलों में करेंगे रैलियां, अमित शाह भी बूथ स्तर तक पहुंचाएंगे सियासी संदेश — एनडीए ने झोंकी पूरी ताकत

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बिहार चुनाव 2025: पीएम मोदी की सभी प्रमंडलों में रैलियां, NDA की जीत की रणनीति तैयार
बिहार में चुनावी बिगुल बजाते पीएम मोदी, कोसी से गया तक गूंजेगा विकास का संदेश

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और इसके साथ ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने चुनावी रण में अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले एक महीने में बिहार के सभी 9 प्रमंडलों में ताबड़तोड़ जनसभाएं करने वाले हैं। यह दौरा 15 जुलाई से शुरू होकर 15 सितंबर तक चलेगा और इसका मकसद राज्यभर में एनडीए की सियासी पकड़ को और मजबूत करना है।

जानकारी के अनुसार, कोसी, गया, और बेगूसराय जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सभाएं फाइनल हो चुकी हैं। बाकी प्रमंडलों के लिए स्थान चयन की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। चुनाव से कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री की ये सभाएं ना सिर्फ एनडीए कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने का काम करेंगी, बल्कि जनता के बीच भी संदेश स्पष्ट होगा कि दिल्ली से लेकर पटना तक एक ही सोच और विकास की लकीर खींची जा रही है।

गृह मंत्री भी उतरेंगे मैदान में
केवल प्रधानमंत्री ही नहीं, बल्कि गृह मंत्री अमित शाह भी इस बार बिहार में सियासी ज़मीन को बूथ स्तर तक हिला देने वाले हैं। सूत्रों की मानें तो अमित शाह का पूरा फोकस बूथ प्रबंधन और कार्यकर्ता सशक्तिकरण पर रहेगा। वह बिहार में बड़ी कार्यकर्ता बैठकों को संबोधित करेंगे और पार्टी के माइक्रो स्ट्रक्चर को मज़बूत बनाने का काम करेंगे।

Amit Shah..


क्या पीएम मोदी फिर से पार लगाएंगे NDA की नैया?
बीते लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे और उनकी योजनाओं के दम पर NDA को बिहार में बड़ी जीत मिली थी। अब यही फार्मूला विधानसभा चुनाव में भी दोहराया जा रहा है। ‘डबल इंजन सरकार’ की बात करते हुए भाजपा नेता यह साफ कर चुके हैं कि बिहार को मोदी के नेतृत्व की जरूरत है।

विशेषज्ञों की मानें तो पीएम की इन सभाओं का चुनावी समीकरणों पर बड़ा असर पड़ सकता है। 2015 में जहां एनडीए को विपक्षी महागठबंधन से हार मिली थी, वहीं 2020 में स्थिति पलटी और बीजेपी ने जदयू के साथ मिलकर सरकार बनाई। अब 2025 में एक बार फिर ‘मोदी मैजिक’ को मैदान में उतारने की तैयारी है।


जनता की नब्ज़ टटोलेंगे पीएम
रैलियों के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जनता के बीच जाकर केंद्र सरकार की उपलब्धियों, विशेषकर बिहार के लिए की गई योजनाओं जैसे रेल, सड़क, बिजली, और रोजगार के मुद्दों को सामने रखेंगे। इसके साथ-साथ पिछली सरकारों की नाकामियों को भी उजागर करने की रणनीति अपनाई जाएगी।

NDA की पूरी ताकत मैदान में
चुनाव को देखते हुए भाजपा, जदयू, हम और लोजपा (रामविलास) — चारों घटक दल एकजुट होकर बिहार में चुनाव लड़ने की रणनीति बना चुके हैं। पीएम मोदी की रैलियों के जरिए न सिर्फ गठबंधन की एकता का संदेश दिया जाएगा, बल्कि कार्यकर्ताओं को मिशन 2025 के लिए तैयार भी किया जाएगा।

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बिहार को मिलने जा रही है पहली न्यूक्लियर पावर प्लांट की सौगात, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल का बड़ा ऐलान

न्यूक्लियर पावर प्लांट और 1000 मेगावॉट बैटरी स्टोरेज यूनिट की स्थापना से बिहार की बिजली व्यवस्था को मिलेगा नया जीवन, केंद्रीय मंत्री ने की आधिकारिक घोषणा

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बिहार को पहली न्यूक्लियर पावर प्लांट की सौगात, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने की बड़ी घोषणा
"केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट की घोषणा करते हुए, ऊर्जा क्षेत्र में नए युग की शुरुआत"

बिहार की ऊर्जा व्यवस्था को लेकर एक बड़ी घोषणा करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने मंगलवार को कहा कि राज्य में जल्द ही न्यूक्लियर पावर प्लांट और 1000 मेगावॉट बैटरी स्टोरेज यूनिट स्थापित की जाएगी। यह बिहार के लिए ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम होगा, जो न केवल राज्य की जरूरतों को पूरा करेगा बल्कि आने वाले वर्षों में विकास की रफ्तार को भी बढ़ाएगा।


पूर्वी क्षेत्र ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, “बिहार सरकार की मांग पर राज्य में एक न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना को सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। अब यह राज्य पर निर्भर है कि वह इसके लिए उपयुक्त स्थान निर्धारित करे।”

ऊर्जा सुधारों के लिए मिली सराहना
उन्होंने बिहार सरकार द्वारा बिजली क्षेत्र में किए गए सुधारों की जमकर सराहना की। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “बिहार ने एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल लॉस (AT&C) में कटौती की है, 80 लाख स्मार्ट मीटर लगाए हैं और वितरण प्रणाली में बड़ा सुधार किया है। ये सारे कदम बधाई के पात्र हैं।”

बैटरी स्टोरेज प्लांट से मिलेगा बैकअप सपोर्ट
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि बिहार में 1000 मेगावॉट क्षमता वाला बैटरी स्टोरेज यूनिट भी लगाया जाएगा, जिससे विशेष रूप से रिन्यूएबल एनर्जी के तहत बिजली आपूर्ति में बैकअप सपोर्ट सुनिश्चित हो सकेगा।

बिजली संकट के लिए विशेष आवंटन
बिहार को गर्मियों में संभावित बिजली संकट से उबारने के लिए केंद्र सरकार ने अगले 6 महीनों के लिए अतिरिक्त 500 मेगावॉट बिजली आवंटन की मंजूरी दे दी है। मंत्री ने कहा, “जो राज्य जरूरत जताएंगे, उन्हें केंद्रीय कोटे से पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।”

देश बना ‘पावर सरप्लस’ राष्ट्र
“भारत अब पावर सरप्लस देश बन चुका है। आज हम अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के साथ-साथ अन्य देशों को भी बिजली निर्यात कर रहे हैं,” केंद्रीय मंत्री ने कहा। उन्होंने बताया कि पिछले साल देश में पीक पावर डिमांड 250 गीगावॉट थी, जो इस साल 270 गीगावॉट तक पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन फिलहाल यह 242 गीगावॉट के स्तर पर है।

साइबर सुरक्षा पर भी दिया गया ज़ोर
मनोहर लाल ने साइबर अटैक से निपटने के लिए ‘Operation Sindoor’ का हवाला देते हुए बताया कि “हमारे ग्रिड सिस्टम ने उस हमले को झेला और संरक्षित रहा।” उन्होंने आइलैंडिंग स्कीम्स जैसे उपायों की आवश्यकता भी बताई, जिससे भविष्य में साइबर घटनाओं से बचाव किया जा सके।

बिहार के लिए एक नया युग
बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना न सिर्फ राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि लाखों रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी। यह निर्णय राज्य की प्रगति में मील का पत्थर साबित हो सकता है, खासकर जब केंद्र और राज्य दोनों की सरकारें मिलकर इस दिशा में काम कर रही हैं।

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