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500 मिलियन डॉलर की ‘शानदार ठगी’ से हिला BlackRock: आखिर कौन है भारतीय मूल का बंकीम ब्रह्मभट्ट?

अमेरिकी निवेश दिग्गज BlackRock एक बड़े फाइनेंशियल फ्रॉड से जूझ रही है। आरोप है कि भारतीय मूल के कारोबारी बंकीम ब्रह्मभट्ट ने नकली इनवॉइस और फर्जी अकाउंट्स के ज़रिए 500 मिलियन डॉलर की ठगी की है।

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भारतीय मूल के उद्यमी बंकीम ब्रह्मभट्ट पर अमेरिकी निवेश कंपनी BlackRock से 500 मिलियन डॉलर की ठगी का आरोप।
भारतीय मूल के उद्यमी बंकीम ब्रह्मभट्ट पर अमेरिकी निवेश कंपनी BlackRock से 500 मिलियन डॉलर की ठगी का आरोप।

अमेरिकी निवेश दिग्गज BlackRock की निजी क्रेडिट शाखा इस समय एक ऐसे वित्तीय घोटाले से हिल चुकी है जिसे विशेषज्ञ “breathtaking fraud” यानी सांस रोक देने वाला धोखा बता रहे हैं।
इस पूरे मामले के केंद्र में हैं भारतीय मूल के कारोबारी बंकीम ब्रह्मभट्ट, जिन पर लगभग 500 मिलियन डॉलर (करीब 4,000 करोड़ रुपये) की धोखाधड़ी का आरोप है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रह्मभट्ट पर आरोप है कि उन्होंने अपने टेलीकॉम कारोबार के लिए फर्जी ग्राहक इनवॉइस तैयार किए और उन्हीं दस्तावेजों को कर्ज़ के लिए कोलैटरल के तौर पर इस्तेमाल किया।


कौन हैं बंकीम ब्रह्मभट्ट?

बंकीम ब्रह्मभट्ट अमेरिका में बसे भारतीय मूल के उद्यमी हैं और Broadband Telecom तथा Bridgevoice नामक दो कंपनियों के मालिक हैं।
दोनों कंपनियां Bankai Group के अंतर्गत आती हैं, जिसके सोशल मीडिया बायो में खुद को “टेलीकम्युनिकेशन इंडस्ट्री का वैश्विक अग्रणी” बताया गया है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, ब्रह्मभट्ट की कंपनियां विश्वभर में टेलीकॉम ऑपरेटरों के लिए नेटवर्क और कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस प्रदान करती हैं।
हाल ही तक उनके न्यूयॉर्क के गार्डन सिटी (Garden City) स्थित दफ्तर से यह कारोबार संचालित होता था।

भारतीय मूल के उद्यमी बंकीम ब्रह्मभट्ट पर अमेरिकी निवेश कंपनी BlackRock से 500 मिलियन डॉलर की ठगी का आरोप।

आरोप क्या हैं?

लेंडर्स का आरोप है कि ब्रह्मभट्ट ने कई फाइनेंसिंग कंपनियों — जैसे Carriox Capital और BB Capital SPV — के ज़रिए BlackRock की नई अधिग्रहित कंपनी HPS Investment Partners समेत अन्य निजी क्रेडिट निवेशकों से सैकड़ों मिलियन डॉलर उधार लिए।

कथित तौर पर उन्होंने:

  • फर्जी ग्राहक ईमेल और अनुबंध तैयार किए,
  • नकली रिसीवेबल अकाउंट्स (Accounts Receivable) दिखाए,
  • और इन फर्जी दस्तावेज़ों को कर्ज़ की गारंटी (Collateral) के रूप में इस्तेमाल किया।

लेंडर्स का कहना है कि पिछले दो वर्षों में उन्होंने जो भी ग्राहक ईमेल और डॉक्युमेंट्स दिए, वे सभी फर्जी पाए गए, और जांच में पाया गया कि ये फाइलें 2018 से ही तैयार की जा रही थीं।


BlackRock और BNP Paribas की भूमिका

HPS Investment Partners, जिसे हाल ही में BlackRock ने अधिग्रहित किया था, इस मामले में मुख्य लेंडर है।
इसके अलावा, BNP Paribas ने भी इन लोन डील्स को फाइनेंस किया था।
BNP Paribas ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।


क्या भारत में हैं बंकीम ब्रह्मभट्ट?

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, जांच से जुड़े लोगों का मानना है कि ब्रह्मभट्ट इस समय भारत में मौजूद हैं।
उनके न्यूयॉर्क ऑफिस को जुलाई 2025 में बंद पाया गया था — ऑफिस के दरवाजे पर ताले लगे थे और अंदर कोई मौजूद नहीं था।

पास के उनके आवास पर कई लग्ज़री कारें — BMW, Porsche, Tesla और Audi — खड़ी मिलीं, लेकिन घर बंद था।
इससे पहले, उनके नाम पर दर्ज कंपनियों और वित्तीय संस्थाओं ने अगस्त 2025 में बैंकरप्सी (Bankruptcy) के लिए आवेदन किया था।
उसी दिन बंकीम ब्रह्मभट्ट ने भी पर्सनल बैंकरप्सी फाइल की थी।


बंकीम ब्रह्मभट्ट की प्रतिक्रिया

ब्रह्मभट्ट के वकील ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है।
उनका कहना है कि “यह आरोप एकपक्षीय हैं और वास्तविक लेनदेन की गलत व्याख्या पर आधारित हैं।”
हालांकि, फिलहाल उनकी ओर से कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया है।


भारतीय मूल के उद्यमी बंकीम ब्रह्मभट्ट पर अमेरिकी निवेश कंपनी BlackRock से 500 मिलियन डॉलर की ठगी का आरोप।


अब तक की जांच

अमेरिकी लेंडर्स का दावा है कि ब्रह्मभट्ट ने अपने ऑफशोर खातों में संपत्तियां ट्रांसफर कीं — जिनमें भारत और मॉरीशस शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि ब्रह्मभट्ट ने “ऐसे बैलेंस शीट तैयार किए जो केवल कागजों पर मौजूद थे।

BlackRock और अन्य निवेशक अब इस $500 मिलियन घोटाले की वसूली के लिए कानूनी कार्रवाई में जुटे हैं।
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला निजी क्रेडिट मार्केट के लिए एक “जागने वाली घंटी” है, जो हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ा है लेकिन नियंत्रण और पारदर्शिता की कमी से जूझ रहा है।


निष्कर्ष

बंकीम ब्रह्मभट्ट का मामला केवल एक धोखाधड़ी नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे प्राइवेट क्रेडिट और टेक-आधारित कंपनियों में पारदर्शिता की कमी निवेशकों को भारी नुकसान पहुँचा सकती है।
जब तक अदालत इस पर अंतिम फैसला नहीं सुनाती, यह मामला अमेरिका की निवेश प्रणाली और नियामकीय व्यवस्था के लिए एक बड़ा सवाल बना रहेगा।

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