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रविचंद्रन अश्विन का बयान: भारत में स्थायी टेस्ट केंद्रों की जरूरत, “होम कंडीशंस का पूरा फायदा उठाना चाहिए”
अश्विन ने कहा, “भारत में टेस्ट मैचों के लिए पांच स्थायी केंद्र होना चाहिए, जिससे टीम को बेहतर कंडीशंस और अनुभव मिले।”

नई दिल्ली:
भारत के दिग्गज ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने भारत में टेस्ट मैचों के स्थायी केंद्रों की जरूरत जताई है। उन्होंने कहा कि चयन करते वक्त सिर्फ भीड़ की संख्या को नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि उस स्थल पर पिचों की गुणवत्ता और खिलाड़ियों की सहजता को भी ध्यान में रखना चाहिए।
वेस्टइंडीज के खिलाफ 2-0 से सीरीज जीतने के बाद अश्विन ने यूट्यूब चैनल “अश की बात” पर अपने विचार साझा करते हुए कहा,
“भारत में हर पिच की अपनी एक पहचान होती है। कुछ पिचों पर बाउंस नहीं होता, जबकि कुछ पिचें बहुत तेज होती हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत में टेस्ट मैचों के लिए ऐसे स्थल चुने जाएं, जिनकी पिचें खिलाड़ियों के लिए मुफीद हों। अगर गुवाहाटी या रांची में टेस्ट मैच होते हैं, तो मैं इन स्थलों के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन वहां की पिचें उतनी कठिन नहीं होतीं।”
स्थायी टेस्ट केंद्र क्यों जरूरी हैं?
अश्विन का मानना है कि भारत में पांच स्थायी टेस्ट केंद्रों की जरूरत है, ताकि टीम को स्थिर और परिचित परिस्थितियों में खेलते हुए अधिक लाभ मिले।
उन्होंने पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली के विचारों से सहमति जताते हुए कहा कि भारत में ऐसे केंद्रों की कमी है जो सभी टीमों को एक जैसी पिचों और वातावरण प्रदान कर सकें।
अश्विन ने कहा,
“भारत में टेस्ट मैचों के लिए पिचों की गुणवत्ता सबसे महत्वपूर्ण है। अगर हम गुवाहाटी, रांची, या कुछ अन्य स्थानों पर टेस्ट मैच खेलते हैं, तो यह होम एडवांटेज नहीं होता, क्योंकि इन स्थलों पर पिचों की पहचान सही नहीं होती। हमें केवल टेस्ट क्रिकेट के लिए पांच स्थायी केंद्र तय करने चाहिए।”
विराट कोहली का प्रस्ताव
अश्विन ने विराट कोहली के प्रस्ताव को भी सही ठहराया, जिसमें कोहली ने कहा था कि भारत को केवल पाँच स्थायी टेस्ट केंद्र रखने चाहिए।
कोहली ने 2019 में यह भी कहा था कि टेस्ट क्रिकेट के लिए भारत के विरोधी टीमों को पिचों और भीड़ के बारे में पहले से ही जानकारी होनी चाहिए, ताकि उनका मानसिकता पहले से तैयार हो।

कोहली ने कहा था,
“हमें केवल पांच स्थायी टेस्ट केंद्र रखने चाहिए, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में यह जरूरी है कि विरोधी टीमों को पहले से पता हो कि उन्हें किस प्रकार की पिच और दर्शक मिलेंगे।”
अश्विन की बातों से क्या संदेश मिलता है?
अश्विन और कोहली के विचार इस बात को दर्शाते हैं कि भारत में टेस्ट क्रिकेट की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए पिचों की समानता और स्थिरता बेहद महत्वपूर्ण है।
भारत की टीम ने पिछले कुछ वर्षों में घरेलू परिस्थितियों में अपनी शक्ति को साबित किया है, लेकिन अब समय आ गया है कि टेस्ट मैचों के लिए स्थायी और अच्छे पिचों पर ध्यान दिया जाए।
भविष्य की ओर कदम
अगर भारत टेस्ट क्रिकेट के लिए स्थायी केंद्र तय करता है, तो यह ना सिर्फ भारतीय टीम को मजबूत बनाएगा, बल्कि विरोधी टीमों के लिए भी यह एक आदर्श सेटअप साबित होगा।
भारत की टीम के पास बेहतर स्पिनर और तेज गेंदबाजों का खजाना है, और सही कंडीशंस में खेलने से उनकी ताकत और बढ़ेगी। यह भारत के क्रिकेट भविष्य के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकता है।
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