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बेंगलुरु की सड़कों पर फर्राटा भर रही Ferrari पर ₹1.42 करोड़ का टैक्स बम RTO ने जब्त कर वसूला जुर्माना

महाराष्ट्र में रजिस्टर्ड Ferrari SF90 Stradale को बेंगलुरु में बिना टैक्स चुकाए चलाना पड़ा भारी, कर्नाटक RTO की सख्ती से चुकाना पड़ा करोड़ों का रोड टैक्स

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बेंगलुरु की सड़कों पर Ferrari की रफ्तार पर लगा ₹1.42 करोड़ का ब्रेक, RTO ने की सख्त कार्रवाई
बेंगलुरु की सड़कों पर Ferrari की रफ्तार पर लगा ₹1.42 करोड़ का ब्रेक RTO ने की सख्त कार्रवाई

बेंगलुरु की सड़कों पर एक चमचमाती Ferrari SF90 Stradale पर सवारी करना भले ही स्टेटस सिंबल हो, लेकिन अगर रोड टैक्स की चोरी की जाए तो कीमत करोड़ों में चुकानी पड़ सकती है। ऐसा ही एक मामला बेंगलुरु साउथ RTO के एक्शन में सामने आया, जहां ₹7.5 करोड़ की Ferrari के मालिक को ₹1.42 करोड़ का टैक्स और जुर्माना एक झटके में चुकाना पड़ा।

यह लग्ज़री कार महाराष्ट्र में रजिस्टर्ड थी लेकिन बीते 18 महीनों से ज्यादा समय से बेंगलुरु की सड़कों पर दौड़ रही थी, वो भी कर्नाटक का रोड टैक्स दिए बिना। गुरुवार सुबह लगभग 8:30 बजे लालबाग के पास इस कार को RTO अधिकारियों ने रोका और दस्तावेजों की जांच शुरू की। ड्राइवर ने कहा कि दस्तावेज़ घर पर हैं, लेकिन जब जांच की गई तो सच्चाई सामने आ गई।

कर्नाटक में लग्ज़री कारों पर टैक्स की दर काफी ऊंची होती है। जहां महाराष्ट्र में ऐसी गाड़ियों पर टैक्स केवल ₹20 लाख है, वहीं कर्नाटक में यह राशि करीब ₹1.5 करोड़ तक पहुंचती है। अधिकारियों ने बताया कि यह Ferrari दो साल पहले महाराष्ट्र में रजिस्टर की गई थी, लेकिन बेंगलुरु में उसका लगातार इस्तेमाल हो रहा था।

RTO अधिकारियों ने कार को जब्त कर लिया और मालिक को तत्काल बकाया टैक्स चुकाने के लिए नोटिस जारी किया। आखिरकार, Ferrari के मालिक ने ₹1.42 करोड़ की भारी-भरकम राशि का भुगतान कर कार को छुड़ाया।

यह मामला सिर्फ एक लग्ज़री कार की टैक्स चोरी का नहीं, बल्कि राज्यीय कर व्यवस्था के उल्लंघन पर प्रशासन की तत्परता का प्रमाण है। बेंगलुरु RTO की यह कार्रवाई कई अन्य कार मालिकों के लिए चेतावनी है जो टैक्स बचाने के लिए दूसरे राज्यों में गाड़ियाँ रजिस्टर कराते हैं, लेकिन उन्हें लंबे समय तक एक अन्य राज्य में चलाते हैं।

बेंगलुरु जैसे मेट्रो शहर में Maharashtra, Pondicherry और Goa नंबर प्लेट वाली कई लग्ज़री गाड़ियाँ आम देखी जाती हैं। लेकिन अब RTO की सख्ती से ये चलन जल्द ही अतीत की बात हो सकता है।

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