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शेफाली जरीवाला की मौत ने खोली ₹8000 करोड़ की ब्यूटी इंडस्ट्री की खौफनाक सच्चाई
ग्लूटाथियोन एंटी-एजिंग इंजेक्शन और स्किन ग्लो टैबलेट्स शेफाली की मौत ने सौंदर्य के पीछे छिपे खतरनाक ट्रेंड्स पर उठाए गंभीर सवाल
शेफाली जरीवाला कांटा लगा गर्ल के नाम से मशहूर अभिनेत्री और मॉडल की असमय मौत ने देशभर में हलचल मचा दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई, लेकिन इस त्रासदी ने ₹8000 करोड़ की तेजी से बढ़ती ब्यूटी सप्लिमेंट इंडस्ट्री की खामोश सच्चाइयों को उजागर कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंबई पुलिस को उनके अंधेरी स्थित अपार्टमेंट से स्किन ग्लो टैबलेट्स, एंटी-एजिंग मेडिकेशन और विटामिन सप्लिमेंट्स मिले हैं। यह वही सप्लिमेंट्स हैं जिन्हें सोशल मीडिया और मार्केटिंग कंपनियां ‘जवां त्वचा’ और ‘इंस्टेंट ग्लो’ का जादुई फॉर्मूला बताकर बेचती हैं।
इंस्टाग्राम स्किन की चाहत और मेडिकल रिस्क का घातक मेल
बीते कुछ वर्षों में जैसे-जैसे ‘इंस्टाग्राम परफेक्शन’ का क्रेज बढ़ा है, वैसे-वैसे ग्लूटाथियोन इंजेक्शन, कोलेजन ड्रिंक्स और हॉर्मोन थैरेपी जैसी प्रक्रियाएं भी लोकप्रिय होती चली गईं। लेकिन ये लोकप्रियता अब खतरनाक मोड़ लेती दिख रही है।
The Kaanta Laga actress की मौत ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या खूबसूरत दिखने की चाह हमारे स्वास्थ्य से भी ज्यादा कीमती हो गई है?
Made in Heaven से लेकर रियल लाइफ तक जब स्किन टोन बना दबाव का कारण
वेब सीरीज़ Made in Heaven में जब एक ब्राइड-टू-बी ग्लूटाथियोन की डोज लेती है और उसका चेहरा रैशेस से भर जाता है, वह दृश्य आज और भी प्रासंगिक हो गया है। पहले यह एक फिक्शन था, लेकिन अब यह रियलिटी बन चुकी है।

आज भारत में एस्थेटिक ट्रीटमेंट और स्किन इंजेक्शन का मार्केट हर साल कई गुना बढ़ रहा है। ये न सिर्फ फेयर स्किन के दबाव को दर्शाता है, बल्कि उस मानसिक थकावट को भी जो परफेक्ट दिखने की होड़ में पनप रही है।
सवाल जरूरी हैं, शेमिंग नहीं
शेफाली की मौत के पीछे कारणों की पुष्टि भले ही अब तक नहीं हुई है, लेकिन यह सवाल तो उठता ही है कि क्या ब्यूटी सप्लिमेंट्स, फास्टिंग या बिना डॉक्टरी सलाह के दवाओं का सेवन इस हादसे के पीछे था? इन सभी मुद्दों पर जवाब ढूंढ़ना जरूरी है—बिना शेमिंग के, बिना सनसनी के।
आज जरूरत है इस ट्रेंड को समझने और उस इंडस्ट्री को नियंत्रित करने की, जो बिना किसी रेगुलेशन के युवाओं को अपने जाल में फंसा रही है।
क्या सुंदरता की कीमत अब जान से चुकाई जाएगी?
ग्लैमर इंडस्ट्री में स्किन टोन बदलने का चलन फेयर और लवली’ से लेकर ग्लूटाथियोन तक का सफर, अब हमें आत्ममंथन के लिए मजबूर कर रहा है।
