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बेंगलुरु भगदड़ केस में CAT ने पुलिस अफसर का सस्पेंशन किया रद्द, सरकार को लगाई फटकार

कर्नाटक प्रशासनिक अधिकरण (CAT) ने कहा — बिना सोच-विचार के ‘मैकेनिकल’ ढंग से की गई कार्रवाई, पुलिस अफसर को बनाया गया बलि का बकरा।

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CAT ने सस्पेंडेड पुलिस अफसर को दी राहत, बेंगलुरु भगदड़ मामले में सरकार की जल्दबाज़ी पर सवाल।

बेंगलुरु भगदड़ कांड, जिसमें कई निर्दोष लोगों की जान गई थी, अब एक बार फिर सुर्खियों में है। लेकिन इस बार मामला घटना की जिम्मेदारी तय करने को लेकर है। कर्नाटक प्रशासनिक अधिकरण (CAT) ने हाल ही में इस केस में सस्पेंड किए गए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के निलंबन आदेश को अवैध ठहराते हुए रद्द कर दिया है और राज्य सरकार को फटकार भी लगाई है

CAT ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा कि सरकार ने “मैकेनिकल” तरीके से कार्रवाई करते हुए बिना पर्याप्त तथ्यों की जांच के अफसर को निलंबित कर दिया, जो न्यायिक प्रक्रिया की मूल भावना के खिलाफ है।

क्या था पूरा मामला?

घटना दिसंबर 2023 की है, जब बेंगलुरु में एक राहत सामग्री वितरण कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई, जिससे भगदड़ मच गई। इस हादसे में कई लोग घायल हुए और कुछ की मौत भी हो गई थी। मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ा और प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से पुलिस अफसर को निलंबित कर दिया।

CAT ने क्यों बताया निलंबन अनुचित?

अधिकरण का कहना था कि निलंबन आदेश में न तो कोई तथ्यात्मक आधार दिया गया, न ही उस पुलिस अफसर की ओर से पहले कोई लापरवाही स्पष्ट रूप से सामने आई थी। इसके अलावा, हादसे में असली जिम्मेदारी किसकी थी — यह जांच पूरी होने से पहले ही कार्रवाई करना प्रशासन की जल्दबाज़ी दिखाता है।

CAT ने कहा कि ऐसी घटनाएं ‘सिस्टम फेलियर’ का हिस्सा होती हैं, और जिम्मेदारी तय करने से पहले सभी संबंधित पक्षों की भूमिका की गहन जांच जरूरी है।

क्या बोले पुलिस अफसर के वकील?

पुलिस अफसर की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि उनके मुवक्किल ने कार्यक्रम से पहले पर्याप्त फोर्स की मांग की थी, लेकिन उन्हें पूरी तैनाती नहीं मिली। इसके बावजूद घटना के तुरंत बाद उन्हीं पर कार्रवाई कर दी गई, जो पूरी तरह से अन्यायपूर्ण था।

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