Politics
“महिलाओं को ₹10,000 दिए गए… EC बना मूक दर्शक”—बिहार नतीजों पर कांग्रेस का बड़ा हमला
अशोक गहलोत का आरोप: चुनाव के दौरान ‘कैश ट्रांसफर’ जारी रहा; शशि थरूर ने भी नतीजों पर दिया बयान
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझानों ने जहां NDA को भारी बढ़त दिलाई है, वहीं कांग्रेस ने इन नतीजों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने चुनाव आयोग (EC) पर “मूक दर्शक” बने रहने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि वोटिंग के दौरान महिलाओं को 10,000 INR का भुगतान किया गया।
गहलोत के दावों ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है, खासकर तब जब NDA राज्य में लगभग 200 सीटों की बढ़त की ओर बढ़ रहा है।
“ऐसा चुनाव कभी नहीं देखा”—गहलोत का तीखा बयान
अशोक गहलोत ने कहा:
“नतीजे निराशाजनक हैं। ऐसा लगता है कि चुनाव प्रचार के दौरान भी महिलाओं को 10,000 INR दिए जा रहे थे। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।”

उन्होंने चुनाव आयोग पर हमला बोलते हुए कहा कि आयोग ने इन घटनाओं को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
गहलोत बोले—
“बिहार में चुनाव आयोग मूक दर्शक बना रहा। बूथ कैप्चरिंग हो, बेईमानी हो… कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह वोट चोरी है। सत्ता पक्ष के साथ मिलीभगत साफ दिखती है।”
कांग्रेस का दावा है कि चुनाव आयोग की निष्क्रियता ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और बिहार चुनाव को लेकर जनभावना को आहत किया है।
नतीजे क्या कह रहे हैं?
EC के रुझान (1:57 PM) के अनुसार—
- BJP: 91 सीटों पर आगे
- JD(U): 79 सीटों पर बढ़त
- LJP (RV): 22 सीटों पर आगे
- RJD: 27 सीटें
- Congress: 4 सीटें
NDA का प्रदर्शन ऐतिहासिक माना जा रहा है, जबकि महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ता दिख रहा है।
शशि थरूर ने कहा—“हम गठबंधन के वरिष्ठ साझेदार नहीं थे”
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी नतीजों पर प्रतिक्रिया दी लेकिन अपेक्षाकृत संयमित अंदाज़ में।
उन्होंने कहा—
“वे अभी बड़ी बढ़त से आगे हैं। लेकिन अंतिम नतीजों के लिए इंतज़ार करना चाहिए। पार्टी को भी विश्लेषण करना होगा कि कहा चूक हुई।”

लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा—
“हम इस गठबंधन के वरिष्ठ साझेदार नहीं थे। RJD को भी अपने प्रदर्शन पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।”
थरूर का संकेत साफ था—नतीजों की ज़िम्मेदारी अकेले कांग्रेस पर नहीं डाली जा सकती।
गहलोत बनाम EC—बड़ी राजनीतिक बहस की शुरुआत?
अशोक गहलोत के आरोप सिर्फ चुनावी नाराज़गी नहीं, बल्कि चुनाव आयोग की भूमिका पर एक बड़े राजनीतिक सवाल की तरह देखे जा रहे हैं।
क्या सच में वोटिंग के दौरान कैश ट्रांसफ़र हुआ?
क्या चुनाव आयोग ने शिकायतों पर कार्रवाई नहीं की?
या यह सिर्फ चुनावी राजनीति का हिस्सा है?
इन सवालों के जवाब चुनाव आयोग और राजनीतिक दलों की अगली प्रतिक्रियाओं पर निर्भर करेंगे।
