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Bihar Exit Poll 2025: NDA की वापसी तय या आखिरी वक्त का मोड़? 11 सर्वे क्या बताते हैं
ज्यादातर एग्ज़िट पोल्स में NDA को स्पष्ट बढ़त—महागठबंधन दूसरे नंबर पर, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को लगभग शून्य सीटें
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की वोटिंग समाप्त हो चुकी है और अब सभी की निगाहें 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं।
लेकिन उससे पहले आए 11 अलग-अलग एग्ज़िट पोल्स ने राज्य की राजनीतिक हवा का रुख काफी हद तक साफ कर दिया है।
इन सर्वेक्षणों के अनुसार, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) एक बार फिर बिहार में सरकार बनाता दिख रहा है, जबकि महागठबंधन—जिसने इस चुनाव में कड़ा मुकाबला देने की कोशिश की—स्पष्ट रूप से पीछे छूटता नजर आ रहा है।
क्या कहता है कुल मिलाकर माहौल?
10 में से 11 प्रमुख एग्ज़िट पोल्स ने NDA को बढ़त दी है।
सिर्फ एक सर्वे ने मुकाबले को करीबी बताया है।
बाकी सभी आकलनों में NDA की सीटें महागठबंधन की तुलना में काफी अधिक दिखाई गई हैं।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (JSP) को लगभग सभी पोल्स में 0–5 सीटों के बीच दिखाया गया है—यानी प्रभाव बेहद सीमित।
एग्ज़िट पोल्स क्यों महत्वपूर्ण?
एग्ज़िट पोल्स चुनाव के बाद मतदाताओं से सीधे बातचीत का नतीजा होते हैं।
हालांकि ये अंतिम परिणाम नहीं होते और कई बार इनकी भविष्यवाणी गलत भी साबित हुई है, लेकिन यह ज़रूर दिखाते हैं कि जनता का रुझान किस ओर था और किस मुद्दे ने चुनाव में ज्यादा असर डाला।
11 एग्ज़िट पोल्स का बड़ा विश्लेषण — कौन किसे कितनी सीटें दे रहा है?
NDA की सीटें (न्यूनतम–अधिकतम)
- Axis My India: 121–141
- Today’s Chanakya: 148–172
- Matrize: 147–167
- P-Marq: 142–162
- Peoples Pulse: 133–159
- Bhaskar: 145–160
- People’s Insight: 133–148
- JVC: 135–150
- Polstrat: 133–148
- Poll Diary: 184–209 (सबसे अधिक)
- Vote Vibe: 125–145
महागठबंधन (MGB) को अनुमानित सीटें
- Axis My India: 98–118
- Today’s Chanakya: 65–89
- Matrize: 70–90
- P-Marq: 80–98
- Peoples Pulse: 75–101
- Bhaskar: 73–91
- People’s Insight: 87–102
- JVC: 88–103
- Polstrat: 87–102
- Poll Diary: 32–49 (सबसे कम)
- Vote Vibe: 95–115
जन सुराज पार्टी (JSP)
ज्यादातर सर्वे में
0–2 सीटें,
कहीं-कहीं 0–5 सीटें,
और कुछ सर्वे में पार्टी को शून्य दिखाया गया है।

सबसे बड़ा सवाल: परिणाम भी ऐसा ही होगा?
एग्ज़िट पोल्स कभी-कभी गलत सिद्ध होते हैं।
राजनीति में आखिरी पल की हवा और ग्रामीण–शहरी वोटों का अंतर कई बार तस्वीर बदल देता है।
लेकिन इतनी बड़ी संख्या में सर्वे एक जैसी दिशा दिखा रहे हों तो यह संकेतों को अनदेखा करना मुश्किल है कि NDA की राह फिलहाल आसान दिख रही है।
NDA को बढ़त क्यों?
विश्लेषकों के मुताबिक इसमें कई कारण शामिल हैं—
- PM नरेंद्र मोदी का 11 साल का राष्ट्रीय नेतृत्व
- नितीश कुमार की 20 साल की बिहार राजनीति में पकड़
- विकास, कानून-व्यवस्था, महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर NDA का प्रचार
- महागठबंधन की अंदरूनी खींचतान
महागठबंधन की चुनौती—इकाई मजबूत, लेकिन तालमेल कमजोर
हालांकि महागठबंधन ने कई क्षेत्रों में बेहतर कैंपेन किया, पर सीट-टू-सीट स्ट्रैटेजी और यूनिटी की कमी चुनाव में असर डालती दिखी।
कुछ इलाकों में युवाओं के बीच नाराज़गी और स्थानीय मुद्दे भी उनकी राह में बाधा बने।
बड़ी नज़र JSP पर भी
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को इस चुनाव में पहली बार परखा गया है।
भले ही सीटें न के बराबर दिख रही हों, लेकिन पार्टी के लिए यह चुनाव लॉन्ग-टर्म ग्रोथ का टेस्ट है।
14 नवंबर—सस्पेंस खत्म होगा
अब सबकी नजरें 14 नवंबर की गिनती पर हैं।
क्या एग्ज़िट पोल सही साबित होंगे?
क्या कोई बड़ा उलटफेर होगा?
या बिहार एक बार फिर NDA की झोली में जाएगा?
इसका जवाब कल पूरे राज्य को मिल जाएगा।
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